कोरोना के बाद अब Mpox का वैक्सीन बनाएगा सीरम इंस्टीटयूट, बनने में लग सकते हैं इतने दिन
नई दिल्ली: कोविड-19 के संक्रमण के दौरान चर्चा में रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अब मंकीपॉक्स के संबंध में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। मंगलवार को, सीरम इंस्टीट्यूट ने बताया कि वे वर्तमान में मंकीपॉक्स के लिए एक नई वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रहे हैं। संस्थान का कहना है कि इस वैक्सीन के विकास में एक साल के भीतर सकारात्मक परिणाम मिलने की उम्मीद है। मंकीपॉक्स के मामलों में वृद्धि के चलते यह कदम उठाया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स के प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता का मामला मानते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। डब्ल्यूएचओ ने अफ्रीका के कुछ हिस्सों में मंकीपॉक्स के मामलों में अचानक वृद्धि के कारण यह निर्णय लिया।
सीरम इंस्टीट्यूट ने Mpox के खिलाफ नई उम्मीद जगाई
भारत में, 2022 के बाद से मंकीपॉक्स के लगभग 30 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। सबसे हालिया मामला मार्च 2024 में रिपोर्ट किया गया था। सीरम इंस्टीट्यूट की घोषणा से मंकीपॉक्स के खिलाफ लड़ाई में नई उम्मीद जगी है और वैक्सीन के विकास से इस संक्रमण के नियंत्रण में मदद मिल सकती है।
विश्व स्तर पर स्वास्थ्य आपातकाल घोषित…
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने हाल ही में मंकीपॉक्स के प्रकोप को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा, “मंकीपॉक्स के प्रकोप के कारण विश्व स्तर पर स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है। इसके मद्देनजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इस बीमारी के खिलाफ एक नई वैक्सीन विकसित करने पर काम कर रहा है। यह वायरस लाखों लोगों की जान को खतरा पैदा कर सकता है।” पूनावाला ने आशा व्यक्त की कि वैक्सीन के विकास की प्रक्रिया में सकारात्मक प्रगति होगी और अगले एक साल में पुणे स्थित इस वैक्सीन निर्माता के पास अधिक अपडेट और अच्छी खबरें साझा करने की उम्मीद है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रबंधन को लेकर नई सलाह जारी की
इसी बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के प्रबंधन को लेकर नई सलाह जारी की है। मंत्रालय ने हवाई अड्डों और बंदरगाहों, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय प्रवेश बिंदुओं पर निगरानी और जांच को बढ़ाने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने मरीजों के अलगाव, प्रबंधन और उपचार के लिए तीन प्रमुख अस्पतालों राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को नोडल केंद्र घोषित किया है। यह कदम मंकीपॉक्स के मामलों के प्रभावी प्रबंधन और उपचार में सहायता प्रदान करेगा।