Budget 2023: बैठकों का दौर शुरू, टैक्स दरों में रियायत और रोजगार बढ़ाने के सुझाव
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट (budget) से पहले होने वाली बैठकों की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने उद्योग संघों के प्रमुखों और बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ आगामी आम बजट के संबंध में चर्चा की। बैठक में सरकार को आर्थिक सुधारों में और इजाफा करने के साथ साथ टैक्स की दरों में रियायत से जुड़े सुझाव दिए गए, जिससे रोजगार को बढ़ावा दिया जा सके।
इंडस्ट्री चैंबर सीआईआई के अध्यक्ष संजीव बजाज की तरफ से कहा गया कि सरकार को सुधार के अपने अगले प्रयास में व्यक्तिगत आयकर की दरों में कमी पर विचार करना चाहिए क्योंकि इससे लोगों के हाथ में खर्च करने योग्य आय में वृद्धि होगी और मांग के चक्र को पुनर्जीवित किया जा सकेगा।
सीआईआई की तरफ से यह भी कहा गया कि मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में भारत के लिए विनिर्माण क्षेत्र में विस्तार का उपयुक्त समय है। ऐसे में सरकार को बजट में ऐसे नियमों का ऐलान करने चाहिए जिससे कारोबारी गतिविधियों में आसानी हो, तमाम मंत्रालयों के बीच ऐसा तालमेल बिठाया जा सके कि कारोबारियों को मंजूरियों में बिल्कुल भी समय न लगे और कारोबार के रास्ते की अड़चनें दूर की जा सकें। ऑनलाइन बैठक में उद्योग जगत ने वैश्विक अनिश्चितता के बीच देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए निवेश आधारित वृद्धि रणनीति के साथ पूंजीगत व्यय पर भी जोर देने का सुझाव दिया।
उद्योग जगत की तरफ से ये भी कहा गया कि अगले वित्त वर्ष के बजट में रोजगार बढ़ाने के उपायों पर ध्यान देने के साथ जीएसटी को भी युक्तिसंगत बनाया जाना चाहिए। सीआईआई ने नौकरियों के नए अवसर बनाने के लिए रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना लाने का सुझाव दिया। उद्योग मंडल के मुताबिक सरकार शहरी रोजगार गारंटी योजना लाने पर विचार कर सकती है। इस बजट में इसकी शुरुआत पायलट आधार पर महानगरों से हो सकती है।
उद्योग जगत ने सरकार को खपत बढ़ाने, कारखानों में क्षमता उपयोग में वृद्धि, रोजगार सृजन को बढ़ावा, सामाजिक बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता में सुधार करने और भारत की आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के उपायों के माध्यम से निजी निवेश में गति लाने से जुड़े सुझाव दिया।
कारोबारियों ने ये भी कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट ऐसे समय पेश किया जा रहा है, जब वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता है और ऊंची महंगाई दर के साथ दुनिया की वृद्धि दर सुस्त पड़ रही है। इस समय, देश को सतत रूप से वृद्धि के रास्ते पर बनाये रखने के लिए वृद्धि के घरेलू स्रोतों को बढ़ाने को लेकर सोच-विचारकर कदम उठाने की जरूरत है।
वित्त मंत्री आगामी बजट के लिए दूसरी बैठक मंगलवार को करेंगी। इस दिन वित्त मंत्रालय में कृषि, वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ सेवा क्षेत्र से जुड़े हितधारकों के साथ बजट पूर्व बैठक की जाएगी।