छत्तीसगढ़

पेंशनरी दायित्व विभाजन की समस्या को सुलझाने उत्तराखंड-झारखण्ड में अध्ययन टीम भेजेगी छत्तीसगढ़ सरकार

रायपुर: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के द्वारा कर्मचारी हितैषी 14 सूत्रीय मांगों के निराकरण हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर प्रमुख सचिव मनोज की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई हैं। इसकी दूसरी बैठक मंत्रालय में दूसरी मंजिल स्थित सभा कक्ष हुई जिसमें समस्या के जल्द निराकरण के लिए अध्ययन कदने एक टीम उत्तराखंड व झारखंड भेजने का निर्णय लिया गया।

इस बैठक में मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 (6) को पृथक छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 22 वर्ष बाद भी विलोपित नहीं होने के कारण दोनों राज्यों के बीच पेंशनरी दायित्व के विभाजन लंबित रहने से पेंशनरों को होने वाली आर्थिक समस्याओ पर कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा और पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने संयुक्त रूप से प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ से विस्तार से चर्चा कर इस समस्या पर त्वरित निराकरण की मांग की। प्रमुख सचिव ने इस संवैधानिक तकनीकी समस्या पर चिन्ता जाहिर किया और छत्तीसगढ़ राज्य के साथ ही निर्मित नए राज्य उत्तराखंड और झारखंड में इस समस्या का निदान किस तरह की गई है,उसका अध्ययन करने शीघ्र अधिकारियों का एक दल उत्तराखंड भेजकर पेंशनरो के इस समस्या के जल्द से जल्द निराकरण कराने का भरोसा दिया गया।

इस बैठक में पेंशनरों के साथ दोयम दर्जे के व्यवहार पर पेन्शनर फेडरेशन अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने विरोध जताया और 5 प्रतिशत महँगाई राहत देने में कर्मचारियों को जुलाई 21 से और पेंशनरो को अक्टूबर 21 से पहली बार अलग अलग तिथियों लाभ देने के आदेश की पुनरावृत्ति नही करने की मांग की। इस बैठक में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा के आमंत्रण पर राज्य के पेंशनरो की समस्या पर चर्चा हेतु भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री व छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव भी शामिल हुए।

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