चुनाव आयोग ने कहा, मतगणना की है पूरी व्यवस्था, हिंसा रोकने के लिए भी तैयारी पुख्ता
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 का मतदान समाप्त होने के साथ ही चुनाव आयोग ने यह माना है कि चुनाव इतनी गर्मी में नहीं करवाए जाने चाहिए। आयोग के मुताबिक इस चुनाव से उन्हें यह सीख मिली है कि चुनाव एक महीना पहले खत्म हो जाने चाहिए। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव उपरांत हिंसा न हो, इसके लिए पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में पैरा मिलिट्री फोर्सेज यथावत बनी रहेगी। हालांकि यह अर्धसैनिक बल अब राज्य सरकार के नियंत्रण में होंगे, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ने उम्मीद जताई कि राज्य चुनाव पश्चात किसी भी हिंसा को नहीं होने देंगे। मतदान के दौरान दिए जाने वाले फार्म 17 सी को देने में न कोई देरी हुई है न कोई गड़बड़ी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मतगणना की पूरी वीडियोग्राफी करवाई जाएगी। मतगणना केंद्र पर राजनीतिक पार्टियों के एजेंट को बैठने और तथ्य नोट करने की पूरी स्वतंत्रता है। पोस्टल बैलेट की गिनती उसी प्रकार की जाएगी जैसे 2019 से लेकर अब तक विभिन्न चुनाव में की जा रही है। अमूमन पोस्टल बैलेट की संख्या कम होती है और उनकी गिनती पहले समाप्त हो जाती है।
गौरतलब है कि विपक्ष ने वीडियोग्राफी, उम्मीदवारों के एजेंटों की मौजूदगी, पोस्टल बैलेट आदि के विषय रविवार को चुनाव आयोग के समक्ष रखे थे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने मतगणना से ठीक 1 दिन पहले की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि लोकसभा चुनाव में इस बार 64 करोड़ 20 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव आयोग ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, हमने एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इन 64 करोड़ मतदाताओं में से 31 करोड़ महिला मतदाता हैं। इसके साथ ही 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग मतदाताओं ने भी बड़ी संख्या में वोट दिया।
चुनाव आयोग ने कहा कि वोटों की गिनती के दौरान पूरी वीडियोग्राफी कराई जाएगी, रिटर्निंग ऑफिसर के टेबल पर राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को बैठने की मंजूरी दी गई है। मतगणना की पूरी प्रक्रिया करीब 70-80 लाख लोगों के बीच होनी है ऐसे में कोई प्रॉब्लम नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि मतदान के उपरांत फार्म 17 सी की कॉपी सभी उम्मीदवारों के एजेंट को दी गई है। मतगणना से पहले मशीन की स्लिप और टैग का वेरीफिकेशन होगा। जिन्हें मतदान केंद्र पर फार्म 17 सी देना था वहां किसी भी व्यक्ति ने कोई शिकायत नहीं की। अब इस तरह की बातों को उन्होंने एक फर्जी नैरेटिव बताया।
मतगणना से ठीक 1 दिन पहले चुनावी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव के दौरान महिलाओं की गरिमा का पूरा सम्मान किया गया। बुजुर्गों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए 85 वर्ष से आयु के अधिक के मतदाताओं के घर पर जाकर उनका वोट लिया गया। चुनाव के दौरान मणिपुर में 94 स्पेशल बूथ बनाए गए थे और यहां शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ। देशभर में मतदान प्रक्रिया को समर्थन के लिए आईपीएल, सचिन तेंदुलकर, इंडियन रेलवे, पेट्रोल पंप, देश भर के खिलाड़ी व स्टार्टअप समेत कई ब्रांड और संस्थाओं ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम किया।
उन्होंने कहा कि देश में चुनाव के दौरान कहीं भी हिंसा की वारदात नहीं हुई। जबकि पहले झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जैसे राज्यों से हिंसा की घटनाएं सामने आई थी। इस बार चुनाव में मसल, मिस इनफॉरमेशन और मनी पावर का दुरुपयोग नहीं होने दिया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस चुनाव में करीब 1054 करोड़ रुपए कैश, 898 करोड़ रुपए की शराब, 1459 करोड़ रुपए की कीमती धातुएं, 2198 करोड़ रुपए की फ्रीबी जब्त की गई। उन्होंने कहा, कुछ लोगों के हेलीकॉप्टर की जांच होने पर काफी हल्ला मचा, लेकिन चुनाव आयोग से जुड़े कर्मचारियों ने बिना डरे सभी के हेलीकॉप्टर की जांच की। फिर चाहे वह केंद्रीय मंत्री हों, मुख्यमंत्री हों, राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्ष हों या फिर कोई और हो।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि विपक्ष के नेताओं द्वारा मतगणना को लेकर कई मांगें उनके समक्ष रखी गई थी। जैसे कि वीडियो ग्राफी कराना, उम्मीदवारों के एजेंटों को बैठने की जगह देना आदि। उन्होंने कहा कि यह सभी कार्य किए जाएंगे इसके अलावा भी यदि किसी की कोई शिकायत है तो उसका निवारण भी किया जाएगा, लेकिन कोई गलत तरीके से उपद्रव करना चाहता है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमने सोचा था कि देश की सीमाओं के बाहर से अटैक होगा लेकिन देश के अंदर से ही हुआ। किस प्रकार चुनाव के दौरान एक शरारती नेरेटिव तय किया गया। कभी कहा गया कि 150 डीएम से बात कर ली गई है, इस पर एक नेरेटिव बनाया गया। फॉर्म 17 सी को लेकर बातें की गई। मतदाता सूची को लेकर आरोप लगाए गए। मतदान के आंकड़ों को लेकर प्रश्न खड़े किए गए। ऐसे कई हमले चुनाव आयोग पर किए गए।