राजनीतिराष्ट्रीय

इतिहास में पहली बार होगा लोकसभा अध्यक्ष पद का चुनाव, विपक्ष ने खड़ा कर दिया कैंडिडेट

नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष पद को सत्तापक्ष और विपक्ष में सहमति नहीं बन सकी है। ऐसे में ऐसा पहली बार होगा जब स्पीकर पद के लिए चुनाव होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ही ओर से लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की ओर से ओम बिरला का नाम फाइनल हुआ है। वो पिछले सत्र में भी लोकसभा अध्यक्ष पद का जिम्मा संभाल चुके हैं। इस बार भी उन्होंने स्पीकर पद के लिए नामांकन कर दिया है। उधर इंडिया अलायंस की ओर से के सुरेश का नाम सामने आया। के सुरेश ने भी स्पीकर पोस्ट के लिए विपक्ष की ओर से नामांकन कर दिया। अब बुधवार सुबह 11 बजे लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग होगी। इसी के बाद फैसला होगा कि अगला लोकसभा अध्यक्ष कौन बनेगा।

पहले ऐसी खबरें आई थीं कि स्पीकर पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बात बन गई है। हालांकि, जल्द ही इस पर विपक्ष ने स्टैंड क्लीयर कर दिया। विवाद इसलिए गहराया क्योंकि विपक्ष उपाध्यक्ष पद की दावेदारी कर रहा था। सत्तापक्ष की ओर से इस पर कोई समर्थन नहीं मिला। विपक्ष की यही मांग थी कि स्पीकर सत्ता पक्ष का हो और विपक्षी पार्टी को लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मिले। हालांकि, बीजेपी के नेतृत्व वाले सत्ताधारी खेमे ने इस पर स्वीकृति नहीं दी। इसी के बाद चुनाव के लिए विपक्ष ने फैसला लिया। कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा कि अगर विपक्ष का डिप्टी स्पीकर नहीं होगा तो हम स्पीकर पद के लिए समर्थन करने की जगह अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगे। इसी के बाद विपक्ष की ओर से के. सुरेश स्पीकर पद के लिए नामांकन किया।

राहुल गांधी ने पूरे वाकये की जानकारी देते हुए कहा था कि राजनाथ सिंह का कल शाम को मल्लिकार्जुन खरगे को फोन आया था। उन्होंने स्पीकर के लिए विपक्ष से समर्थन मांगा था। इस पर खरगे जी ने कहा कि डिप्टी स्पीकर का पद यदि विपक्ष को दे दिया जाए तो हम स्पीकर के लिए समर्थन करेंगे। राहुल गांधी ने कहा कि इस पर राजनाथ सिंह ने जवाब दिया था कि मैं आपको कॉल रिटर्न करूंगा, लेकिन अब तक कोई बात नहीं की गई। इससे साफ है कि ये लोग संवाद नहीं चाहते बल्कि टकराव के ही रास्ते पर रहेंगे।

गौरतलब है कि लोकसभा में भाजपा के अकेले ही 240 सांसद हैं। इसके अलावा टीडीपी के 16, जेडीयू के 12 और एकनाथ शिंदे गुट के 7, चिराग पासवान की पार्टी के 5 सांसदों समेत करीब 290 सांसदों का समर्थन एनडीए के पास है। यही नहीं अकाली दल समेत कई अन्य छोटे दलों और कुछ निर्दलियों का समर्थन भी सरकार को मिलने की उम्मीद है। यही वजह है कि उसने भी विपक्ष को अपनी ताकत का अहसास कराने का फैसला लिया है और स्पीकर पद पर चुनाव को तैयार है।

बीजेपी सांसद ओम बिरला ने 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। एनडीए ने ओम बिरला को, INDIA ब्लॉक ने कांग्रेस सांसद के सुरेश को अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतारा है। उधर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पहले उपाध्यक्ष कौन होगा ये तय करें फिर अध्यक्ष के लिए समर्थन मिलेगा, इस प्रकार की राजनीति की हम निंदा करते हैं। स्पीकर किसी सत्तारूढ़ पार्टी या विपक्ष का नहीं होता है वो पूरे सदन का होता है, वैसे ही उपाध्यक्ष भी किसी पार्टी या दल का नहीं होता है पूरे सदन का होता है। किसी विशिष्ट पक्ष का ही उपाध्यक्ष हो ये लोकसभा की किसी परंपरा में नहीं है।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि ये किसी पक्ष का चुनाव नहीं होता, स्पीकर का पद पूरे सदन के लिए होता है। आजादी के बाद से मुझे नहीं याद कि इस तरीके से पद को लेकर चुनाव हो। जिस तरीके से विपक्ष की इस बार भूमिका रही है और शर्तों के साथ जिस तरीके से विपक्ष सामने आया है कि डिप्टी स्पीकर का पद पर सहमति करें। हम सब उस पर चर्चा के लिए तैयार थे पर उसके बावजूद उस पर अड़ना मुझे नहीं लगता कि ये उचित है। फिलहाल जीत सुनिश्चित है, उसमें कहीं कोई शंका की बात नहीं है।

Related Articles

Back to top button