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शिवराज कैबिनेट बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय, जंगली जानवरों के हमले से मौत पर मृतक पर अब 8 लाख रु. देगी सरकार

भोपाल : मध्यप्रदेश में शिवराज कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं। अब वन्य प्राणियों से होने वाली जनहानि पर मिलने वाली अनुग्रह राशि को दुगुना कर दिया गया है। इसी के साथ “मध्य प्रदेश कलाकार कल्याण कोष नियम-2023 जारी करने की स्वीकृति” दी गई है। नर्मदा घाटी विकास विभाग को प्राधिकृत करने संबंधी स्वीकृति दी गई है और दमोह में एमबीबीएस की 100 सीटों वाले नवीन चिकित्सा महाविद्यालय के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है।

अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के उद्यमियों द्वारा स्थापित स्टार्टअप को सरकार चार चरणों में 72 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए मध्य प्रदेश स्टार्टअप नीति एवं कार्यान्वयन योजना 2022 में संशोधन के प्रस्ताव को आज कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। बैठक के बाद गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सेबी अधिमान्य संस्था द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति के उद्यमियों के स्टार्टअप में निवेश पर सरकार एक बार में 18 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी, जो चार चरणों में अधिकतम 72 लाख रुपये की होगी। यह प्रविधान अभी महिला उद्यमियों के लिए लागू है।

बैठक के बाद गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया, मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के रेनोवेशन और मॉडिफिकेशन के लिए 85.35 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इस रकम से पावर ग्रिड सिस्टम में सुधार और अपग्रेडेशन किया जाएगा। साहित्यकारों, कलाकारों को अब 1 लाख रुपए तक की मदद मिलेगी। साहित्यकारों, कलाकारों की गंभीर बीमारी से या दुर्घटना में मौत हो जाती है तो ऐसे मामलों में मदद के लिए संस्कृति विभाग के आर्थिक सहायता कल्याण कोष में संशोधन किया गया है। नर्मदा घाटी परियोजना में 6474 अस्थाई पदों को स्थाई करने का भी कैबिनेट ने फैसला लिया है। स्टार्टअप नीति में संशोधन के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

कैबिनेट की बैठक में वन्य प्राणी द्वारा की जाने वाली जनहानि पर दिए जाने वाले क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ा दी गई है। पहले क्षतिपूर्ति की राशि 4 लाख रुपए थे। इसे अब दुगना कर दिया गया है और 4 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दिए गए हैं। इसी के साथ “मध्य प्रदेश कलाकार कल्याण कोष नियम-2023” जारी करने की स्वीकृति दी गई है।

अब साहित्यकारों और कलाकारों को मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि बढ़ाई गई है। इसके तहत अब 25 हजार से लेकर 1 लाख तक की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। वहीं नर्मदा घाटी विकास विभाग में 6474 अस्थायी पदों की निरंतरता जारी रखने के लिए नर्मदा घाटी विकास विभाग को प्राधिकृत करने संबंधी स्वीकृति भी दी गई है। दमोह में एमबीबीएस की 100 सीटों वाले नवीन चिकित्सा महाविद्यालय के लिए स्वीकृति प्रदान की गई और स्टार्ट-अप नीति में संशोधन संबंधित स्वीकृति भी दी गई है।

उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के कल्याण और उनकी बेहतरी के लिए संकल्पित भाव से निरंतर प्रयासरत है। इसी प्रतिबद्धता को विस्तार देते हुए प्रदेश में अब स्टार्ट अप नीति के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के उद्यमियों को भी महिलाओं के समान सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

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