मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने छत्तीसगढ़ के पुराने साथियों से की मुलाकात
भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव की सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के पुराने साथियों और छत्तीसगढ़ के नेताओं से मुलाकात क्या हुई, उनकी पुरानी यादें ताजा हो गई।मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने सीएम मोहन यादव से भेंट की और छात्र जीवन की पुरानी यादों को ताजा किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरूण साव के समत्व भवन पहुंचने पर अंगवस्त्रम, पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ से भोपाल पहुंचे अभाविप के 70 सदस्यीय दलों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को उनके छात्र जीवन से संबंधित छायाचित्र भेंट किया। सीएम मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरूण साव अभाविप के साथी हैं, दोनों ने कई वर्षों तक अनेक दायित्वों का निर्वहन किया है। उन्होंने मुलाकात के दौरान अपने छात्र जीवन के पुराने संस्मरणों को याद किया और समसमायिक विषयों पर चर्चा भी की। अभाविप के संस्थापक शालिग्राम तोमर के स्मृति समारोह में भाग लेने के लिए परिषद के लगभग 70 सदस्यीय दल छत्तीसगढ़ से भोपाल आया है।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की भौगोलिक सीमा के साथ-साथ दोनों राज्यों की साझा सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत है। दोनों राज्यों की सरकारों द्वारा कुछ कार्यक्रम संयुक्त रूप से आयोजित किए जा सकते हैं। व्यवस्था और प्रबंधन की दृष्टि से दो राज्य बने हैं, भावनात्मक रूप से हम एक हैं। दोनों राज्यों के जनप्रतिनिधि राष्ट्र निर्माण को समर्पित हैं।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों से मध्य प्रदेश के विकास और जनकल्याण के लिए सुझाव और सहयोग का आह्वान करते हुए उन्हें अपने ज्ञान और कौशल का मध्य प्रदेश में भी विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने उज्जैन के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों को महाकालेश्वर के साथ-साथ उज्जैन स्थित भगवान श्रीकृष्ण परंपरा, देवी परंपरा के स्थानों और त्रिवेणी संग्रहालय के विभिन्न आयामों की जानकारी दी।