पूर्व राष्ट्रपति को मिली देश से ‘गद्दारी’ करने की सज़ा, 40 साल की जेल
मिस्र की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को सैन्य और खुफिया बलों से जुड़ी गोपनीय जानकारी कतर को उपलब्ध कराने के आरोप में 40 साल कैद की सजा सुनाई है। काहिरा की अदालत ने इस मामले में छह अन्य आरोपियों की मौत की सजा बरकरार रखते हुए दो अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई।
सजा पाने वाले सभी लोग प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड के सदस्य हैं। इन लोगों पर गोपनीय दस्तावेज कतर को लीक करने और अलजजीरा चैनल को बेचने का आरोप है।
पूर्व राष्ट्रपति मुर्सी को तीन और मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें 2011 के जेल ब्रेक और कैदियों को सामूहिक रूप से भगाने के मामले में फांसी और फिलीस्तीनी ग्रुप के लिए जासूसी के मामले में आजीवन कारावास की सजा शामिल है।
मिस्र में उम्रकैद की सजा 25 साल की होती है। लेकिन, मुर्सी को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज चुराने के आरोप में 15 साल अतिरिक्त सजा सुनाई गई है। वर्ष 2013 में सेना ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया था। यह फैसला आखिरी नहीं है और इसे चुनौती दी जा सकती है।