हजारों एंप्लॉयीज को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर रही माइक्रोसॉफ्ट
दुनिया की दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट अपने यहां से हजारो एंप्लॉयीज को नौकरी से निकालने की तैयारी कर रही है। मीडियो में खबरें आ रही थीं कि कंपनी में बड़े बदलाव होने की उम्मीद है। कंपनी क्लाउड कंप्यूटिंग आधारित सॉफ्टवेयर पर काम कर रही है। हालांकि कितने लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा इसकी अभी कोई जानकारी नहीं है। माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट अपने ग्राहकों और पार्टनरों को बेहतर सुविधा दे सके इसलिए कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। माइक्रोसॉफ्ट के चीफ एक्सीक्यूटिव सत्य नडेला जल्द ही इस दिग्गज कंपनी को सॉफ्टवेयर से हटाकर क्लाउड कम्प्यूटिंग बिजनेस सर्विसेस बनाने के पक्ष में हैं।
नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट के इस साल के पहले तीन महीनों के बिजनेस के बारे में बताते हुए कहा था कि बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर मीडियम और छोटी छोटी कंपनियां तक अपने डिजिटल ट्रांस्फोर्मेशन को पावर देने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के क्लाउड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रही हैं। माइक्रोसॉफ्ट द्वारा नोकिया को खरीदने के बाद 18,000 लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। वहीं कंपनी ने साल 2015 में 7,800 लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। वहीं पिछली साल कंपनी ने 4,700 लोगों को बाहर कर दिया था।
आपको बता दें कि भारत सरकार ने माइक्रोसॉफ्ट से लेटेस्ट विंडोज 10 ऑपेरेटिंग सिस्टम के अपग्रेड पर डिस्काउंट देने का अनुरोध किया है। भारत में माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन 50 मिलियन से अधिक विंडोज उपयोगकर्ताओं को वन टाइम डील की पेशकश कर रहा है। इस पेशकश में यूजर रैनसमवेयर जैसे हमले से बचने के लिए अपने विंडोज 10 को लेटेस्ट विंडोज 10 ऑपरेटिंग सिस्टम में अपग्रेड कर सकेंगे। भारत में 50 मिलियन से ज्यादा विंडोज यूजर हैं, जिनमें से कई ऐसे हमलों के लिए कमजोर हैं, क्योंकि विंडोज अपग्रेड करने के लिए पैसों का भुगतान करना पड़ता और हर कोई भुगतान करना नहीं चाहता। भारत सरकार को उम्मीद है कि कंपनी सॉफ्टवेयर को कम कीमत में प्रदान करेगी। विंडोज 10 होम को वर्तमान में भारत में 7,999 रुपये में खरीदा जा सकता है, जबकि सॉफ्टवेयर का प्रो संस्करण आमतौर पर बड़ी कंपनियों और संस्थाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी कीमत 14,999 रुपये है।