एक लाख करोड़ रुपये के पार साड़ी का उद्योग, उत्तर भारत का हिस्सा केवल 15000 करोड़
नई दिल्ली : देश में साड़ी का कारोबार एक लाख करोड़ पार पहुंच गया है। हालांकि आबादी के लिहाज से सबसे बड़े क्षेत्र उत्तर भारत का हिस्सा सिर्फ 15,000 करोड़ का है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 37 करोड़ भारतीय महिलाएं जिनकी उम्र 25 साल से अधिक है, वे सालाना औसतन 3,500 से 4,000 रुपये साड़ी खरीदने पर खर्च करती हैं।
साड़ी उद्योग 25 साल से ज्यादा उम्र वाली महिलाओं को फोकस में रखकर काम करता है, ऐसा अनुमान है कि साल 2031 तक इन महिलाओं की संख्या 45.5 करोड़ और 2036 तक 49 करोड़ हो सकती है। टेक्नोपार्क की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर भारत में साड़ी का कारोबार वित्त वर्ष 2020 से 2025 के बीच सालाना 6 फीसदी की दर से बढ़ सकता है।
बनारसी साड़ी ज्यादा मशहूर : देशभर में बनारसी साड़ी सबसे ज्यादा मशहूर है। इसके बाद राजस्थान के कोटा का नाम आता है। मध्य प्रदेश की चंदेरी की शुरुआत 13वीं सदी में हुई थी।
साड़ियों की 41 फीसदी बिक्री त्योहारी और शादियों के मौसम में होती है। यानी 23,200 करोड़ रुपये की साड़ी इस दौरान बिकी है। इसे देखते हुए रिलायंस रिटेल, टाटा समूह और बिरला समूह अलग-अलग ब्रांड के जरिये इस सेक्टर में मौजूद हैं। आने वाले समय में कंपनियां ज्यादा विस्तार की योजना बना रही हैं।