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चीनी कंपनियां धीरे-धीरे भारत से समेट रहीं कारोबार

नई दिल्ली : चीनी मोबाइल कंपनियां लगातार इनकम टैक्स की रडार पर हैं। पिछले दिनों चीन की दिग्गज मोबाइल कंपनियों जैसे Xiaomi, Vivo, Oppo के दफ्तर पर छापेमारी हुई थी। भारत सरकार चीनी कंपनियों Oppo, Vivo और Xiaomi पर अवैध टैक्स लेनदेन की जांच कर रही हैं। साथ ही भारत सरकार की तरफ से पिछले एक साल में Wechat, Tiktok समेत 300 चीनी मोबाइल ऐप्स को बैन किया गया है। शायद यही वजह है कि चीनी कंपनियों का भारत से मोह भंग हो रहा है। ऐसे में चीनी कंपनियां भारत के अलावा एक अन्य देश की तलाश में हैं, जहां मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग की जा सके। वही कुछ लोगों का मानना है कि भारत में लेबर कॉस्ट में लगातार इजाफा हो रहा है, जिसकी वजह से चीनी कंपनियां ऐसे देश में अपने कारोबार को शिफ्ट कर रही हैं, जहां लेबर कॉस्ट सबसे कम है।

खबर के मुताबिक चीनी कंपनियां भारत को छोड़कर अन्य विकल्प के तौर पर इजिप्ट, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और नाइजीरिया की तलाश में हैं। चीनी कंपनियों की तरफ से इन देश में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि चीनी कंपनियां इन देशों में कारोबारी क्षमता, लोकल पॉलिसी और लेबर कॉस्ट का कैलकुलेशन कर रही हैं। साथ ही वहां की सरकार के साथ मैन्युफैक्चरिंग स्थापित करने को लेकर समझौते कर रही हैं। चीनी कंपनियों का अन्य देशों में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट शिफ्ट करने से भारत को जोरदार नुकसान होने की उम्मीद है।

बता दें कि ओप्पो की तरफ से इजिप्ट में 20 मिलियन डॉलर की लागत मोबाइल फोन प्लांट लगााया जा रहा है। ओप्पो प्लांट की औसतन सालाना प्रोडक्शन कैपेसिटी 4.5 मिलियन है। ऐसा अनुमान है कि चीनी कंपनियों के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के बाद अगले 5 साल में इजिप्ट में 900 से ज्यादा नौकरियां जनरेट होने का अनुमान है।

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