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दुबई में पहली बार 18 महिलाएं बनीं स्पेशल गार्ड,

dubaiनई दिल्ली(5 नवंबर):दुबई में पहली बार 18 महिलाओं को स्पेशल गार्ड यूनिट में शामिल किया गया है। ये महिला पुलिसकर्मी जब लेम्बोरगिनी, फरारी और रेसिंग बाइक्स पर दुबई की सड़कों पर निकलती हैं तो लोग इन्हें देखने के लिए खड़े हो जाते हैं। कई बार तो सड़कों पर जाम लग जाता है।

– दरअसल, ज्यादातर गल्फ कंट्रीज में महिलाएं गाड़ी नहीं चला सकती हैं। वे अकेले बाजार नहीं जा सकती, न ही पुलिस में भर्ती हो सकती हैं।

– महिलाएं हिजाब या बुर्के में ही घर से बाहर निकलती हैं। ऐसे में दुबई में वुमेन स्पेशल गार्ड यूनिट का होना लोगों को चौंकाता है।

– दुबई पुलिस में इसी साल महिलाओं के लिए स्पेशल यूनिट बनाई गई है। इनका काम महिला बिजनेसमैन, रॉयल फैमिली की महिला सदस्यों और विदेश से आने वाली महिला नेताओं को सिक्युरिटी मुहैया कराना है।

– दुबई में अब तक स्पेशल यूनिट्स में भी सिर्फ पुरुष ही होते थे।

– वुमेन स्पेशल यूनिट में शामिल ईमान सलेम कहती हैं, ‘इस नए काम से मुझे किसी भी मुश्किल हालात को संभालने का विश्वास मिला है। मैं रोजाना अपने काम से ज्यादा नजदीकी महसूस करती हूं और ज्यादा समर्पण के साथ अपनी ड्यूटी करती हूं।’

– सलेम ये भी कहती हैं, ‘हालांकि फील्ड में काम करना काफी कठिन होता है। इसके लिए हमें लगातार अपनी क्षमताओं को बढ़ाना और खुद को फिट रखना होता है। तब जाकर कहीं आप अलग-अलग हालात और इमरजेंसी में काम करने को तैयार हो पाते हैं।’

– टीम में शामिल आयशा उबैद के मुताबिक, ‘कठिन ट्रेनिंग और काम ने मुझे अपने डर पर जीत पाने में मदद की है। मैंने मुश्किलों का मुकाबला करने की कला सीख ली है। लोग अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि हमारी ट्रेनिंग किस लेवल की होती है।’

– एक अन्य महिला पुलिसकर्मी जाहरा इब्राहिम ने बताया, ‘मैं रोजाना 12 घंटे ड्यूटी करती हूं। अपने परिवार के साथ कई बार अहम मौकों पर मैं मौजूद नहीं रह पाती हूं। इसके बावजूद मैं परिवारवालों की आंखों में अपने लिए फख्र देखती हूं। अपनों का यह सम्मान मुझे अपना काम करने के लिए और प्रोत्साहित करता है।’

– लोगों के इस बर्ताव को महिलाएं पॉजिटिव बदलाव के तौर पर देख रही हैं। उनका मानना है कि दुबई जैसी जगह पर महिलाओं के लिए ये हौसलाअफजाई बहुत बड़ी बात है।

– वुमन स्पेशल यूनिट को जिस तरह ट्रेनिंग दी जाती है, उनमें बंधक और किडनैपिंग से लोगों को छुड़ाना तक शामिल है।

– इसके लिए महिला यूनिट को खास हथियार चलाने और मार्शल आर्ट्स में भी ट्रेन्ड किया गया है। वे चलती कार से कूदना और ऊंची इमारतों से उतरना भी जानती हैं। उन्हें करीब एक साल तक कड़ी ट्रेनिंग दी गई है।

 

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