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पाकिस्तानी नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक को बताया ‘हास्यास्पद’

weइस्लामाबाद| पाकिस्तानी राजनीतिक दलों ने सोमवार को सभी मतभेदों को एक किनारे रखते हुए कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ होने की बात कही। उन्होंने भारत द्वारा हाल में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के दावे को ‘हास्यास्पद’ बताया।

इस सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने की, जिसमें करीब सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया। इसमें सुरक्षा हालात के साथ, कश्मीर के मुद्दे और ‘भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी’ की चर्चा की गई।

बैठक में वरिष्ठ मंत्री भी मौजूद थे। शरीफ ने कहा, “आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए कश्मीरियों का संघर्ष वैध और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार है।”

शरीफ ने कहा, “कश्मीरी और पाकिस्तानी एक-दूसरे से अलग नहीं हैं। दोनों अविभाज्य हैं। हम सभी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कश्मीरियों की दुर्दशा के मुद्दे को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम राष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर, खास तौर से कश्मीर के मामले में एकजुट हैं।”

विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने कहा, “पाकिस्तान शांति चाहता है। कश्मीर सहित सभी दूसरे द्विपक्षीय मुद्दों पर भारत के साथ चर्चा की जानी चाहिए।”

विदेश सचिव ने भारत द्वारा नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक के दावों से इनकार किया। उन्होंने 18 सितम्बर को कश्मीर के उड़ी में सेना के शिविर पर आतंकी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के भारत के आरोप को भी खारिज किया। उड़ी पर हुए हमले में भारत के 19 जवान शहीद हो गए थे।

संसदीय नेताओं ने बैठक खत्म होने के बाद एक संयुक्त बयान में कहा कि पूरा राष्ट्र कश्मीर और भारत की ‘आक्रामकता’ के मुद्दे पर एकजुट है।

संयुक्त बयान में कहा गया, “हम भारत के नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक के हास्यास्पद दावे को खारिज करते हैं, यह पूरी तरह से झूठा है। ”

नेताओं ने भारत की ‘अकारण’ आक्रामकता और संघर्ष विराम की निंदा की।

पाकिस्तानी नेताओं ने ‘भारत कश्मीरी लोगों पर की जा रही क्रूर कार्रवाई से ध्यान भटकाने के लिए नियंत्रण रेखा पर आतंकवाद का झूठ गढ़ रहा है।’

उन्होंने भारत द्वारा सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार किए जाने और पाकिस्तान के पानी में कटौती करने की बातों की आलोचना की और इसे अंतर्राष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन बताया।

कश्मीर के हालात पर 15 जुलाई को कैबिनेट की एक विशेष बैठक में एक संयुक्त संसदीय सत्र बुलाने का फैसला लिया गया था। लेकिन, यह योजना सरकार और विपक्ष के बढ़ते तनाव के चलते छोड़ दी गई।

लेकिन, अब भारत से तनाव के बीच राजनीतिक दलों की तरफ से संयुक्त संसदीय सत्र बुलाने की आवाज उठ रही है।

उत्तरी कश्मीर के उड़ी कस्बे में भारतीय सेना के शिविर पर 18 सितंबर को हुए आतंकी हमले में भारत के 19 जवान शहीद हो गए थे। भारत ने उड़ी हमले के लिए पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह को जिम्मेदार ठहराया है। इस हमले के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा के पार जाकर आतंकियों पर हमले किए जिससे पाकिस्तान ने इनकार किया है।

 

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