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पाकिस्तान ने खुला ऐलान किया, कहा-भारत पर हमला करेंगे

पाकिस्तान ने पहली बार खुलकर धमकी दी है कि वो भारत पर हमला कर देगा। यही नहीं पाक ने कहा है कि उसके परमाणु हथियारों को भारत भूले नहीं।

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पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि वह सिंधु जल समझौते सहित भारत के साथ लंबित सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहता है, क्योंकि जब तक कश्मीर मुद्दा का समाधान नहीं हो जाता, तब तक इस क्षेत्र में शांति नहीं आ सकती। उन्होंने कहा हम अमन चाहते हैं लेकिन भारत अगर जंग चाहता है तो हम भी भारत पर हमला करने से पीछे नहीं हटेंगे।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया की साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के हवाले से रेडियो पाकिस्तान ने कहा कि सरकार दोनों देशों के बीच हुए जल साझीदारी करार की रूपरेखा के तहत भारत की गतिविधियों का आकलन कर रहा है।
जकरिया ने कहा कि समझौता एकतरफा करार का अंत करने की इजाजत नहीं देता है। पाकिस्तान हालात पर नजर रखे हुए है और किसी तरह का उल्लंघन होने पर अपनी रणनीति पर अमल करेगा।
सरकारी रेडियो ने जकरिया के हवाले से कहा है, “समझौते के लागू कराने के बारे में विवाद को सुलझाने के लिए पंचाट की व्यवस्था है और आईडब्ल्यूटी से जुड़े बहुत सारे विवाद पहले सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाए जा चुके हैं।”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान शांतिपूर्ण पड़ोसी की नीति पर अनुसरण कर रहा है।” जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान भारत को सभी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत करने का निमंत्रण दे रहा है।
 जकारिया ने भारत पर संयुक्त राष्ट्र के घोषणा पत्र के लगातार उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि एक देश जो अंतर्राष्ट्रीय कानून को नहीं मानता उसे परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) की सदस्यता नहीं दी जानी चाहिए।
आईडब्ल्यूटी पर 1960 में हस्ताक्षर हुए थे। इसमें पूर्वी क्षेत्र की तीन नदियों रावी, ब्यास और सतलज भारत को, जबकि तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, झेलम और चेनाब का 80 प्रतिशत जल पाकिस्तान को आवंटित किया गया था।
भारत ने हाल में कहा कि वह सिंधु नदी के 20 प्रतिशत जल का पूरी तरह से इस्तेमाल करेगा और जो प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाएं हैं, उनसे समझौते का उल्लंघन नहीं होगा। पाकिस्तान ने भारत के दावे पर सवाल उठाया और विश्व बैंक के हस्तक्षेप की मांग की है।
जकरिया ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कलह का मुख्य मुद्दा कश्मीर है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इसे सुलझाने में भूमिका निभाने का आग्रह किया।

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