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हर 81 हजार साल में बदल जाता है चंद्रमा

moon-surface-change_13_10_2016वाशिंगटन। चंद्रमा हर 81 हजार साल बाद खुद को बदलता रहता है। ऐसा क्षुद्र ग्रह (एस्टेरॉइड) और धूमकेतु (कॉमेट) की लगातार बमबारी के कारण होता है। इसका पता नासा के लूनर प्रोब मिशन से मिले चित्रों से चला है। पूर्व के अनुमानों के मुकाबले बदलाव की यह रफ्तार सौ गुना से भी ज्यादा है।

एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी और कॉर्नेल विश्वविद्यालय के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के शोध यह जानकारी सामने आई है। दरअसल, क्षुद्र ग्रह और धूमकेतु की बमबारी से चंद्रमा की सतह पूरी तरह बदल जाती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस प्रक्रिया के कारण बने क्रेटर का अध्ययन करने से यह रहस्य खुला।

क्रेटर और वहां के नमूनों से क्रेटर के बनने की प्रक्रिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। लेकिन, इसके बनने की दर और आकाशीय पिंडों के सतह से टकराने के बारे में अब भी ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है।

नासा के एलआरओ प्रोब मिशन में लगे हाई रिजोल्यूशन कैमरे से ली गई तस्वीरों का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है। चंद्रमा की सतह पर 222 नए क्रेटर का पता चला है। इनमें से 33 फीसद का व्यास दस मीटर है।

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