B’Day SPL: जब प्यार में बदल गई सानिया-शोएब की रेस्टोरेंट की मुलाकात
भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और पाकिस्तानी क्रिकेटर शाएब मलिक की लव स्टोरी ने सभी के लिए एक मिसाल कायम की है। जब दोनों पड़ोसी देश एक दूसरे पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने में व्यस्त थे, तभी इनकी रोमांस की खबर ने सबको चौंका दिया था।
हालांकि कई लोगों ने आपत्ति जताई और उनके प्यार को बढ़ने से रोकने की कोशिश की लेकिन सानिया और शोएब के प्यार के आगे ये बातें मायने नहीं रखती थीं। दोनों ने 12 अप्रैल 2010 को शादी हैदराबाद में शादी की।
सानिया और शोएब की शादी का वक्त ऐसा था जब सभी ने खूब बातें बनाई थीं कि ये रिश्ता टिक नहीं पाएगा और इस शादी की उम्र ज्यादा लंबी नहीं होगी। लेकिन इस खिलाड़ी जोड़ी ने इस साल अपने खूबसूरत बंधन के छह साल पूरे किए और इनकी कहानी किसी रोमैंटिंक फिल्मी कहानी से कम नहीं है।
सानिया मिर्जा ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘ऐस अगेन्स्ट ऑड्स’ में शोएब मलिक से मुलाकात और फिर शादी के बारे में जिक्र किया है।
किताब के अनुसार सानिया और शोएब साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया में पहली बार मिले और फिर कुछ मुलाकातों के बाद करीब आए। सानिया अपने पिता और ट्रेनर के साथ एक भारतीय रेस्टोरेंट में गई थीं। कुछ देर बाद वहां शोएब भी आए और दोनों पहली बार मिले। मुलाकात के दौरान शोएब ने अगले दिन सानिया का मैच देखने की इच्छा जताई। इस पर सानिया ने उनके लिए टिकटों का इंतजाम किया। हालांकि सानिया और शोएब इससे कुछ साल पहले दिल्ली में एक जिम में मिल चुके थे।
अगले दिन शोएब मलिक अपने दोस्तों के साथ मैच देखने पहुंचे। मैच के बाद सानिया के पिता ने उन्हें डिनर पर इनवाइट किया। ऑस्ट्रेलिया में अलग-अलग शहरों में मैचों के दौरान सानिया और शोएब संपर्क में रहे। सानिया ने बताया कि उन्हें शोएब की सादगी ने आकर्षित किया। धीरे-धीरे हमारी मुलाकातें रोज होने लगी और महसूस किया कि हमारी अच्छी पटती है। दो महीने बाद शोएब ने शादी का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि कब होगी इससे फर्क नहीं पड़ता लेकिन वो मुझसे शादी करना चाहते हैं।
शादी के कई महीनों बाद मैंने उनसे कहा कि सोचो अगर तूम उस दिन रेस्टोरेंट नहीं आते तो हम कभी नहीं मिले होते। उस समय उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ भाग्य के सहारे नहीं हुआ था बल्कि उनके दोस्त ने उन्हें बुलाया था। दोस्त पहले से ही रेस्टोरेंट में मौजूद था। उसने कहा कि सानिया वहां खाना खा रही है। मैंने उसे पहले खाने के लिए मना कर दिया था लेकिन फोन आया तो मैं भागते हुए गया। मैं इस बार सानिया का नंबर लेना चाहता था। हम अब भी इस बारे में मजाक करते हैं।
शादी के बारे में सानिया ने लिखा कि इस मामले में वो थोड़ी पुराने ख्यालात की हैं। लंबे समय तक डेट करते रहना मुश्किल था। साथ ही हमारे रिश्तों को छुपाकर रखना भी मुश्किल हो रहा था। इसलिए जब शादी का एलान किया तो सभी चौंक गए। शोएब की राष्ट्रीयता एक मसला थी लेकिन टेनिस खेलने के दौरान कई तरह के लोगों से मुलाकात हुई। जिनके धर्म, जाति और पृष्ठभूमि अलग थी। एक खिलाड़ी के नाते धर्म, जाति और देश की सीमाएं मतलब नहीं रखती। शोएब जब शादी के लिए भारत आए तो उन्होंने खुद को छुपाकर रखा। लेकिन अपने बैग से ‘पाकिस्तान क्रिकेट टीम-शोएब मलिक’ का टैग निकालना भूल गए। जब मेरे चाचा ने यह टैग देखा तो वो बैग पर कूद पड़े ताकि कोई और न देख ले।
शोएब पर जब एक महिला ने शादी का झांसा देने का आरोप लगाया तो मामला बिगड़ गया। इसके बाद दोनों देशों की मीडिया हमारे रिश्तों को बहस करने लगा। दो सप्ताह तक लगातार मीडिया का पागलपन जारी रहा। हमारे घर के बाहर कई पत्रकार कैमरा, माइक्रोफोन के साथ जमे रहे। हमारे घर की लाइव रिपोर्टिंग होने लगी। पापा के पास एक रिश्तेदार का फोन आया। उन्होंने पूछा, ‘क्या सानिया ने हरी टी शर्ट पहन रखी है?’ पापा ने हां कहा तो उन्होंने बताया कि पर्दे करो, आपको लाइव दिखाया जा रहा है। इसके बाद 10 दिन तक मैंने सूरज की रोशनी नहीं देखी। यहां तक कि घर का छोटे से छोटा रोशनदान भी बंद कर दिया गया। मीडियाकर्मियों ने नमाज पढ़ने गए पापा का भी पीछा किया। नमाज पढ़ने के दौरान भी उनसे सवाल किए गए।
मीडिया के एक सेक्शन ने पूछा क्या शादी से पहले शोएब का हमारे घर में रहना ठीक है। क्या इस्लाम में इसकी अनुमति है। स्थिति बिगड़ने पर परिवार के कई लोगों ने शादी टालने की बात भी की। लेकिन शोएब ने कहा कि वो शादी करेंगे। इसके बाद 12 अप्रैल 2010 को शादी हुई। छह ग्रैंड स्लैम जीतने वाली सानिया ने बताया कि पूरी तरह तैयार पत्रकारों की सेना ने कई वैन आदि से उनके घर से लेकर उस होटल तक उनका पीछा किया जहां उनका निकाह होना था। इस होटल सैकड़ों मेहमान पहले से आए हुए थे।मुझे होटल के सर्विस एरिया और किचन से अंदर ले जाया गया। शायद यह भी पहली बार हुआ होगा।