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मौसम बदलते वक्त सेहत को काफी नुकसान होता है, जिससे कुछ इस तरह करे बचाव

मौसम बदलते समय लोगो के सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है। इस दौरान सेहत को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ जाता है। अभी जो मौसम चल रहा है वह बदलते मौसम का सबसे बड़ा उदाहरण है। आपने भी महसूस किया होगा कि सुबह शाम हल्की ठंड रहती है लेकिन दिन में गर्मी होने लगी है। ऐसे में यदि कपड़े कम पहनो तो सर्दी जुकाम और बुखार हो जाता है। जबकि गर्म कपड़े पहनने से घुटन और बेचेनी होने लगती है। जब इंसान बुखार की चपेट में आता है तो सबसे पहले उसका इम्यून सिस्टम बिगड़ता है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते है। कुछ लोग वायरल बुखार को सामान्य बुखार समझकर घरेलू तरीके अपनाने लगते हैं। जबकि ऐसा कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि वायरल सेहत के लिए बहुत खतरनाक भी साबित हो सकता है। गले में दर्द या खराश, शरीर में टूटन और खांसी का रह-रह कर आना वायरल फीवर के शुरुआती लक्षण हैं। इन लक्षणों को इग्नोर करने पर इसके वायरस पनपने लगते हैं। इसके बाद सप्ताह भर तक शरीर बुखार की चपेट में घिरा रहता है।

वायरस शरीर पर हमला करता है तो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता उस वायरस को खत्म करने की कोशिश करती है। संक्रमित व्यक्ति के छींकने और खांसने से हवा में फैलने वाले वायरस के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी इसकी चपेट में आ जाता है। ऐसे कई तरह के वायरल फीवर होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं डेंगू, चिकनगुनिया और मच्छरों के काटने से होने वाले कई तरह के बुखार आदि।

वायरल होने पर शरीर में थकान का एहसास होता है और बहुत कमजोरी महसूस होती है। तेज़ बुखार होने पर पैरासिटामोल जैसी दवा ही लेनी चाहिए। बुखार के दौरान गला काफी सूखता है, इसलिए ज्य़ादा से ज्य़ादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए। गले में खराश या दर्द हो तो गर्म पानी में नमक डाल कर उससे गरारा करें। सुबह-शाम ऐसा करने पर राहत महसूस होगी। जितना हो सके, आराम करें। इसके अलावा दिन भर हलका गुनगुना पानी पीते रहें। ध्यान रखें कि इस दौरान किसी भी एंटीबायोटिक दवा का सेवन न करें क्योंकि एंटीबायोटिक लेने से बुखार पर इसका असर नहीं होता, बल्कि शरीर में थकान और कमजोरी का एहसास ज्य़ादा होने लगता है। तीन दिन से अधिक बुखार रहे तो अपने नजदीकी चिकित्सक से जांच कराएं।

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