आजकल कई बीमारियां है जो हमें ना जानें कब जकड़ लेती है इसका पता भी नहीं चलता है। शरीर में जहां-जहां हड्डियों का जोड़ होता है, वहां सूजन पैदा होना या फिर शरीर के अंगों का टेढ़ा हो जाने को अर्थराइटिस रोग का नाम दिया जाता है। यह समस्या आज से कुछ साल पहले केवल बुजुर्गों में देखी जाती थी, मगर गलत लाइफस्टाइल के चलते इस परेशानी का सामना आज के युवा और बच्चों को भी करना पड़ रहा है।
जिस व्यक्ति को अर्थराइटिस की समस्या होती है, वह अच्छे से चल फिर नहीं सकता है। ऐसे में चीनी उनकी समस्या को बढ़ावा देने का काम करती है। अर्थराइटिस के मरीजों को चीनी से खास दूरी बनानी चाहिए।
यह मरीज दूध, दही जैसी कैल्शियम युक्त चीजों का सेवन अधिक नहीं कर पाते है। यदि कोई मरीज अधिक कॉफी पीता है तो शरीर में मौजूद जरूर तत्वों को कॉफी सोख लेती है। जिससे जोड़ों में दर्द की परेशानी और भी बढ़ जाती है। तली हुई चीजें बॉडी की इम्यूनिटी पर बुरा असर डालती हैं। यह शरीर में पैदा हुई सूजन को और भी बढ़ावा देती है। साथ ही आपको चलने फिरने में भी तकलीफ दे सकता है।
डेयरी उत्पाद यानि दूध,दही और पनीर जैसी चीजों का सेवन कम करें। इन चीजों को हजम करने में समय और वर्जिश की जरूरत होती है। अर्थराइटिस के मरीज हल्की सैर के अलावा कुछ नहीं कर सकते है। यूं तो विटामिन-सी युक्त खट्टी चीजें शरीर के लिए फायदेमंद होती है, मगर अर्थराइटिस के मरीजों को इनसे दूरी बनाकर रखना चाहिए। खट्टास से भरी चीजें जोड़ों में दर्द और सूजन की वजह बनती है।