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विपक्ष एकता पर संकट? राहुल की तारीफ करते नीतीश और पवार, साथ कैसे आएंगे AK, ममता और केसीआर

नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को विपक्षी एकता का सूत्रधार बता रहे हैं। उन्होंने कहा है कि राहुल राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों को एक साथ ला सकते हैं। हाल ही में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने भी कांग्रेस नेता की तारीफ की थी। कांग्रेस, राकंपा और शिवसेना महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल हैं। हालांकि, इसी बीच आम आदमी पार्टी, भारत राष्ट्र समिति जैसे दल भी हैं जो कांग्रेस से उखड़े नजर आते हैं। इसके अलावा ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस के साथ भी कांग्रेस की खींचतान चलती रही है।

पवार का कहना है कि राहुल ने यह साबित कर दिया है कि वह मेहनत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘गांधी के प्रति लोगों का रवैया बदल गया है। वह आने वाले भविष्य में विपक्षी दलों के बीच आम सहमति बनाने में मदद करेंगे।’ खबरें आती रही हैं कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दल एक साथ आने की कोशिश में जुटे हुए हैं। रविवार को कोल्हापुर में उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा और राहुल की छवि खराब करने के आऱोप लगाए। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा को भाजपा के लिए जवाब बताया है। पवार ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस तक सीमित नहीं है, क्योंकि कई और राजनीतिक दलों, संगठनों के लोग भी उसमें शामिल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश का कहना है कि जनता दल यूनाइटेड और अन्य विपक्षी दल कांग्रेस के साथ बैठकर रणनीति बनाने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन हमें पहले साथ में बैठना होगा और सबकुछ तय करना होगा। इसमें परेशानी क्या है? ज्यादा से ज्यादा दल साथ आएंगे और काम करेंगे। जब वे साथ आएंगे, तो सब तय हो जाएगा।’

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में राउत ने लिखा, ‘राहुल गांधी भारत जोड़ने के लिए चल रहे हैं। उनके कदमों को सफलता मिले। नए साल में देश भयमुक्त हो।’ उन्होंने सरकार पर महाराष्ट्र और देश को धोखा देने के आरोप लगाए और राहुल की यात्रा के खिलाफ साजिश करने की बात भी उठा दी। उन्होंने लिखा, ‘वर्ष 2022 ने महाराष्ट्र और देश को धोखे के अलावा और कुछ भी नहीं दिया। यह धोखाधड़ी सत्ताधारियों की ओर से हुई लेकिन उसी समय हाथ में सत्य और निर्भयता की मशाल लिए श्री राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ लेकर कन्याकुमारी से निकले।’

उन्होंने आगे कहा, ‘करीब 2800 किलोमीटर की यात्रा करके यह नेता दिल्ली पहुंचा, उस समय भी उनके साथ हजारों पदयात्री चल रहे थे और इस यात्रा को वैसे रोका जा सकता है, इसके लिए दिल्ली में ही परदे के पीछे साजिश चल रही थी। बीते वर्ष ने राहुल गांधी के नेतृत्व में नया तेज और धमक निर्माण किया।’

हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपील करते नजर आए। इसके अलावा तेलंगाना में सत्तारूढ़ दल तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ आने से राहुल खुद ही इनकार कर चुके हैं। हालांकि, सीएम बनर्जी दिल्ली दौरे पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुकी हैं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस नेता कई बार राहुल की लीडरशिप पर सवाल उठा चुके हैं।

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