सुरक्षा एजेंसियां अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल रही, भारत की अब कोई उपेक्षा नहीं कर सकता: शाह
नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल रही हैं और अब कोई भी देश को किसी भी क्षेत्र में नजरअंदाज नहीं कर सकता और न ही इसे आगे बढ़ने से रोक सकता है। डीजीपी और आईजीपी के तीन दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब निश्चित रूप से सुरक्षित, मजबूत और अच्छी स्थिति में है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर में आयोजित हो रहे पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) के अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लेंगे। इसमें कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री ने 2014 से डीजीपी सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी ली है। पहले प्रधानमंत्रियों की सांकेतिक उपस्थिति के विपरीत, वह सम्मेलन के सभी प्रमुख सत्रों में शामिल होते हैं।”
पीएमओ ने विज्ञप्ति में कहा कि प्रधानमंत्री न केवल सभी बातों को धैर्यपूर्वक सुनते हैं, बल्कि स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चाओं को भी प्रोत्साहित करते हैं ताकि नए विचार सामने आ सकें। इसमें कहा गया है कि यह देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को प्रमुख पुलिसिंग और आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर सीधे प्रधानमंत्री को जानकारी देने और खुली तथा स्पष्ट सिफारिशें देने के लिए एक सौहार्दपूर्ण वातावरण प्रदान करता है।
सम्मेलन के पहले दिन गृह मंत्री ने उल्लेखनीय सेवा के लिए पुलिस पदक भी वितरित किये और देश के शीर्ष तीन थानों को ट्रॉफी प्रदान की। अधिकारियों ने कहा कि नेपाल और म्यांमा के साथ भूमि सीमाओं पर सुरक्षा चुनौतियों, भारत में लंबे समय तक रहने वाले विदेशियों की पहचान करने और माओवादी गढ़ों को लक्षित करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
अगले दो दिनों में, देश का शीर्ष पुलिस नेतृत्व उभरती सुरक्षा चुनौतियों और अवसरों पर विशेषज्ञों, क्षेत्र के अधिकारियों और शिक्षाविदों के साथ विचार-विमर्श करेगा। शाह ने कहा, ‘‘मोदी के नेतृत्व में भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल रही हैं। आज भारत को किसी भी क्षेत्र में न कोई नजरअंदाज कर सकता है और न ही आपको आगे बढ़ने से कोई रोक सकता है।”
उन्होंने कहा कि पहले देश की समस्याएं भौगोलिक थीं, अब समस्याएं विषयगत होती जा रही हैं और इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों को अपनी रणनीति और दृष्टिकोण में आमूलचूल बदलाव लाना होगा। शाह ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए पुलिस को सशक्त बनाना होगा और मोदी सरकार और गृह मंत्रालय राज्यों को पूरा सहयोग करेंगे। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब जम्मू-कश्मीर के बच्चे आतंकवाद के कारण देश के अन्य हिस्सों में पढ़ने जाते थे। लेकिन आज देश के अन्य हिस्सों के 32,000 बच्चे जम्मू-कश्मीर में पढ़ रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह पिछले चार साल में जितना निवेश आया है, वह पिछले 70 साल में जम्मू-कश्मीर में आए निवेश से कहीं ज्यादा है।” आगामी जी20 बैठकों और शिखर सम्मेलन पर, गृह मंत्री ने कहा कि सभी जानते हैं कि भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है और प्रधानमंत्री ने 200 से अधिक जी20 बैठकों की मेजबानी के लिए 56 शहरों का चयन करने का अनूठा प्रयास किया है। सुरक्षा एजेंसियों के प्रयास की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आंतरिक सुरक्षा के सवाल पर अब तक हम कई बाधाओं के बावजूद देश में शांति बनाए रखने में सफल रहे हैं।”
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने संबंधी आपके प्रयासों के लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं। चुनौतीपूर्ण समय में पुलिस बलों, अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय एजेंसियों ने त्वरित प्रतिक्रिया दी है, जिसकी नागरिकों ने भी सराहना की है।” कश्मीर मुद्दे पर शाह ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में भारी कमी आई है।”
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम कह सकते हैं कि जम्मू-कश्मीर धीरे-धीरे शांति और स्थिरता की ओर बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का दौरा करने वाले पर्यटकों की संख्या 1.80 करोड़ है, जो दर्शाता है कि पूरे देश को यकीन है कि क्षेत्र में शांति का माहौल लौट रहा है। मंत्री ने कहा, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल), बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल), आईबी (खुफिया ब्यूरो), रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) को बधाई देता हूं, क्योंकि उनके प्रयास सफल हो रहे हैं।”