भारत ने पाकिस्तान को भेजा न्योता? SCO बैठक के लिए बिलावल भुट्टो को बुलाया गोवा
नई दिल्ली : आर्थिक बदहाली से जूझ रहा पाकिस्तान यह मान चुका है कि उसे भारत के साथ शांति से रहना है। मुल्क के वजीर-ए-आजम भी स्वीकार कर रहे हैं कि पाकिस्तान पिछले तीन युद्धों से सीख चुका है। इसी बीच खबर है कि भारत ने पड़ोसी पाकिस्तान को गोवा में होने वाली विदेश मंत्रियों की बैठक का न्योता भेजा है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने इस्लामाबाद को गोवा में होने वाले शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) फॉरेन मिनिस्टर्स मीटिंग में बुलाया है। कहा जा रहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के जरिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी को गोवा आमंत्रित किया है। अब अगर पाकिस्तान की तरफ से भारत का न्योता स्वीकार होता है, तो बीते करीब 12 सालों के बाद पहली पड़ोसी मुल्क का मंत्री भारत आएगा। इससे पहले साल 2011 में हीना रब्बानी खार भारत आईं थीं। भारत और पाकिस्तान के अलावा SCO में चीन, रूस, कजकस्तान, किर्गिस्तान, तजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी शामिल है।
अखबार से बातचीत में एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, ‘पड़ोसी पहले की नीति को बनाए रखते हुए भारत, पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध चाहता है। भारत का लगातार मत यही रहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मुद्दे हैं, तो उनको आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘ऐसा अनुकूल माहौल तैयार करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। यह साफ कर दिया गया है कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं करेगा और भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने की सभी कोशिशों के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाएगा।’ भारत की तरफ से आखिरी बार साल 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गईं थी। उस दौरान वह इस्लामाबाद में आयोजित हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस में शामिल हुईं थी। साल 2016 में पठानकोट, उरी और 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध कमजोर हो गए थे।
भाषा के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के द्विपक्षीय बतचीत की पेशकश करने के कुछ ही दिन बाद भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों जैसे संबंध चाहता है, लेकिन इसके लिए आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण होना चाहिए। शरीफ ने सोमवार को दुबई स्थित अल अरबिया समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कश्मीर सहित विभिन्न ‘ज्वलंत’ मुद्दों के समाधान के लिए अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी के साथ ‘गंभीर’ बातचीत की पेशकश की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘हमने यह (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की) टिप्पणी देखी है, लेकिन इसके बाद वहां के पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) ने कुछ और कहा। इसके कुछ दिनों पहले वहां के कुछ नेताओं ने भी टिप्पणी की थी।’ उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों जैसे संबंध चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उपयुक्त माहौल होना चाहिए, जो आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त हो।’ एक चैनल से बातचीत में शरीफ ने कहा था, ‘भारत के साथ हमने तीन युद्ध लड़े और इससे लोगों के लिए और गरीबी, बेरोजगारी और दुख मिला है। हमने हमारा सबक सीख लिया है और भारत के साथ शांति से रहना चाहते हैं।’