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2500 किमी दूर चेन्नई में धड़केगा 12 वर्षीय सयोगता का दिल

नई दिल्ली: 12 साल की बच्ची जिसने अभी दुनिया ठीक से देखा भी नहीं था, वह दुनिया को अलविदा कह गई, लेकिन दुनिया से-जाते-जाते वह छह लोगों की जिंदगी को रोशन कर गई। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जिला बदायूं के गांव मुंडिया की 12 वर्षीय सयोगता का दिल 2500 किलो मीटर दूर चेन्नई में धड़केगा। सयोगता का दिल चेन्नई स्थित एमजीएम हेल्थकेयर अस्पताल में भर्ती छह वर्षीय बच्ची को ट्रांसप्लांट किया गया है।

हिमाचल में सड़क हादसे में हुई थी घायल
सयोगता 12 मई को हिमाचल के बद्दी में सड़क हादसे में घायल हो गई थी। उसे उपचार के लिए पीजीआइ में भर्ती किया गया था, लेकिन 17 मई को डाक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषितं कर दिया। परिवार ने सयोगता के अंगदान करने का फैसला किया, जिसके बाद पीजीआई में भर्ती पांच मरीजों को कार्निया, लिवर और किडनी प्रत्यारोपित्त किए गए और उसका दिल चेन्नई भेजा गया, जहां बच्ची को ट्रांसप्लांट किया गया है।

पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल ने सयोगता के परिवार की तरफ से उसके अंगदान के फैसले की सराहना करते हुए आभार जताया। उन्होंने कहा कि परिवार के फैसले से न केवल जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे लोगों की जान बचाई है, बल्कि मानवता और करुणा का एक गहरा उदाहरण भी दिया है। सयोगता के पिता हरिओम ने कहा कि बेटी को खोने का दर्द असहनीय है, लेकिन वह दूसरों के जरिए जिंदा रहेगी। हमारे लिए यह सबसे बुरा समय है, लेकिन हमने बेटी के अंगदान का फैसाल दूसरों को आशा देने के लिए लिया है। शायद ऐसा सयोगता चाहती होगी।

ग्रीन कारिडोर बनाकर 22 मिनट में एयरपोर्ट पहुंचाया दिल
पीजीआइ के चिकित्सा अधीक्षक और रोटो (उत्तर) के नोडल अधिकारी प्रो. विपिन कौशल ने कहा कि परिवार की सहमति के बाद सयोगता का हृदय, यकृत, गुर्दे और कार्निया को प्राप्तकर्ताओं से मिलान कर प्रत्यारोपित किया गया। दिल को चेन्नई भेजने के लिए शुक्रवार दोपहर 3.25 बजे विस्तारा एयरलाइंस की उड़ान के लिए ग्रीन कारिडोर बना 22 मिनट में पीजीआइ से शहीद भगत सिंह एयरपोर्ट पहुंचाया गया। चेन्नई में रात 8.30 बजे एमजीएम हेल्थकेयर अस्पताल में छह वर्षीय बच्ची में प्रत्यारोपित किया गया। यह परिवार की सराहनीय पहल है।

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