किर्गिस्तान में फंसे बच्चों को वापस लाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार करे पहल : कांग्रेस
भोपाल : किर्गिस्तान में अशांति है और मध्य प्रदेश के लगभग 1,200 बच्चे वहां फंसे हुए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य सरकार से बच्चों को सुरक्षित लाने के लिए आवश्यक पहल करने की मांग की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा, “किर्गिस्तान में मध्य प्रदेश के 1,200 बच्चे फंसे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकालने का भरोसा दिया है, लेकिन, राजनीतिक वादे की तरह उन्हें वापस लाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए।”
किर्गिस्तान में फंसे छात्रों के बयानों का हवाला देते हुए पटवारी ने कहा, “स्टूडेंट्स का कहना है कि पाकिस्तान अपने छात्रों को यहां से निकाल चुका है, परंतु, भारत सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। केवल बयान और मीडिया हेडलाइंस में सरकार सक्रिय है। हकीकत में मदद जैसा कुछ नहीं है। जो बच्चे फ्लैट में रह रहे हैं, वे बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं। खाने-पीने का सामान खत्म हो गया है। उन्हें भूखे ही रहना पड़ रहा है, क्योंकि बाहर निकलते ही मारपीट हो रही है। लोकल लोग लड़कियों से भी मारपीट कर रहे हैं।”
पटवारी ने आगे कहा, “बच्चों का कहना है कि पहले वापसी टिकट करीब 15-20 हजार रुपए में हो जाता था, लेकिन, जबसे हालात बिगड़े हैं, 50 हजार रुपए में फ्लाइट का टिकट मिल रहा है। यह सभी के लिए संभव नहीं है। बच्चों ने नाराजगी जताते हुए मीडिया से यह भी कहा है कि किर्गिस्तान से अपने स्टूडेंट्स को निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार ने फ्री ऑफ कॉस्ट फ्लाइट भेजी है, लेकिन, भारत की सरकार अभी तक बेफिक्र नजर आ रही है। किर्गिस्तान में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स ने भारत सरकार, इंडियन एंबेसी और विदेश मंत्री को सोशल मीडिया पर टैग किया, गुहार भी लगाई, लेकिन, कुछ रिस्पांस नहीं मिला। इस स्थिति में बच्चे ज्यादा निराश और डरे हुए हैं।”
जीतू पटवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को किर्गिस्तान के हालात बताते हुए लिखा, “मुझे जानकारी मिली है कि बिश्केक में फ्लैट में रहने वाले बच्चों को कुछ मकान मालिक बाहर निकाल रहे हैं। जब वे बाहर जा रहे हैं, तो स्थानीय लोगों के हमले का शिकार हो रहे हैं। क्या आपको यह सब नहीं पता है? बच्चों के साथ उनके परिजन भी बहुत परेशान हैं। सभी यह उम्मीद कर रहे हैं कि संकट के गंभीर दौर में मध्य प्रदेश के साथ केंद्र सरकार भी प्राथमिकता से पहल करेगी और बच्चों की सुरक्षित वापसी के प्रयास करेगी।”