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मध्य प्रदेश में फिर लगेगी मंत्री-विधायकों की क्लास, संसद सत्र के बाद सीनियर मंत्री देंगे ट्रेनिंग

भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए 7 महीने से अधिक का समय हो गया है. चुनाव बाद मंत्रिमंडल (Cabinet) का भी गठन हो गया है. नई कैबिनेट में इसमें नए मंत्रियों को भी शामिल किया गया है. हालांकि देखने में आ रहा है 7 महीने बाद भी नए मंत्री-विधायक सिस्टम को समझ नहीं पाए हैं.

अब इस कमी को दूर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक बार फिर से नए विधायक और मंत्रियों के लिए ट्रेनिंग कैंप का आयोजन करने जा रही है. संसद सत्र के बाद बीजेपी के सीनियर मंत्री, नए मंत्रियों को कामकाज समझाएंगे. ट्रेनिंग कैंप में सीनियर मंत्रियों के जरिये पहली बार के मंत्रियों को सिस्टम की बारीकियों के साथ ब्यूरोक्रेस के साथ काम करने के तौर तरीके भी सिखाए जाएंगे. साथ ही विकास कार्यों को लेकर शासन-प्रशासन के साथ किस तरह समन्वय बनाना है इसका व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

बीते दिनों प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सत्ता-संगठन के नेताओं ने ट्रेनिंग कैंप को लेकर विचार किया था. इसके पीछे उद्देश्य यही है कि इससे क्षेत्र में नए मंत्री और विधायकों के परफॉर्मेंस में सुधार आएगा. कार्यों की समझ विकसित होने से जनता के बीच सीधी पैठ बनेगी, जिससे वह जनता के बीच और अधिक लोकप्रिय हो सके. इसके साथ ही मंत्रियों को विभागीय कामकाज और बजट सहित अन्य पहलुओं की बारीकियों से भी अवगत कराया जाएगा.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत दर्ज किया है, जबकि कांग्रेस ने 66 सीटों पर जीत हासिल किया था. इनमें से कुल 68 नए चेहरे चुनकर आए हैं, इनमें से बीजेपी के 44 विधायक हैं. बीजेपी ने इस बार 13 नए विधायकों को मंत्री बनाया है. मोहन यादव सरकार में इस बार नागर सिंह चौहान, निर्मला भूरिया, चेतन्य काश्यप, धर्मेन्द्र लोधी, दिलीप जायसवाल, नरेन्द्र शिवाजी पटेल, संपतिया उईके, कृष्णा गौर, गौतम टेटवाल, लखन पटेल, नारायण पंवार, राधा सिंह और प्रतिमा बागरी को शामिल किया गया है.

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