टॉप न्यूज़राष्ट्रीय

अडाणी ग्रुप पर घपले का आरोप लगाने वाली कंपनी “हिंडनबर्ग रिसर्च” पर लगा ताला, संस्थापक नेट एंडरसन ने बताई ये वजह…

दस्तक डेस्क. दुनियाभर की कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च अब बंद हो चुकी है। कंपनी के संस्थापक नेट एंडरसन ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उन्होने यह फैसला काफी सोच-समझ कर लिया है । हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत 2017 मे हुई थी और इस कंपनी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट्स से देश-दुनिया की कई प्रमुख कंपनियों के साथ ही अडाणी ग्रुप को खरबों डॉलर का नुकसान पहुंचा था ।

रिपोर्ट का शेयर बाजार पर पड़ता था खासा असर
बता दें कि, हिंडनबर्ग रिसर्च का मुख्य कार्य शेयर बाजार, इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर रिसर्च कर यह पता लगाना था कि कहीं किसी कंपनी द्वारा शेयर बाजार में गलत तरीके से पैसों का निवेश या अकाउंट्स में हेर-फेर तो नहीं हो किया जा रहा है, जिसकी एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की जाती थी, जो कई बार शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती थी।


हालांकि, नेट एंडरसन ने कंपनी बंद करने का कोई ठोस कारण न बताते हुए कहा कि, मैंने पिछले साल के अंत मे अपने परिवार, दोस्तों और हमारी टीम के साथ यह विचार साझा किया था कि मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय लिया है। इंवेस्टिगेटिव आईडिया की अपनी पाइपलाइन को पूरा करने के बाद कंपनी को बंद करने का विचार था । हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में पोंजी स्कीमों से जुड़े अपनी अंतिम प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के साथ ही कंपनी की गतिविधि पर विराम लगा दिया है ।

उन्होने कहा कि अब वह अपनी टीम के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहते है और यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी लोग अपनी भविष्य की दिशा में सफलता प्राप्त करें। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि टीम के कुछ सदस्य अपनी स्वयं की रिसर्च फर्म की शुरुआत करने जा रहे हैं और उन्होंने उनकी इस नई पहल का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया है ।

अडाणी ग्रुप पर लगाया था फ्रॉड का आरोप
अमेरिका के हिंडेनबर्ग रिसर्च एलएलसी (Hindenburg Research LLC) ने जनवरी 2023 प्रकाशित रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप के स्टॉक में शार्ट सेलिंग का आरोप लगते हुए कहा था कि अडाणी ग्रुप के स्टॉक्स अपनी उचित वैल्यूएशन से 85 फीसदी महंगे हैं। इस रिसर्च की रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर मार्केट मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का भी आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडाणी ग्रुप के शेयर अर्श से फर्श पर आ गए थे और उनकी कंपनियों के शेयरों का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंच गया था। इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद अडाणी इंटरप्राइजेज को अपना 20,000 करोड़ रुपये का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) रद्द करना पड़ गया था ।

अडाणी ग्रुप ने किया था खंडन
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का अडाणी ग्रुप ने खंडन करते हुए कहा था कि, हमे हिंडनबर्ग रिसर्च की छपी रिपोर्ट से हैरानी हुई है क्योंकि उन्होंने हमसे बिना किसी संपर्क के सही तथ्यों को जाँचे बगैर ही ये रिपोर्ट प्रकाशित की गई है । अडाणी ग्रुप के मुताबिक, ये रिपोर्ट सिर्फ चुनिंदा गलत सूचनाओं और समूह को बदनाम करने वाले आरोपों का एक दुर्भावनापूर्ण मिश्रण है जिसे भारत के उच्चतम न्यायालयों में परखे जाने के बाद कोर्ट द्वारा खारिज किया जा चुका है।

Related Articles

Back to top button