कोलकाता : मिदनापुर में गलत स्लाइन चढ़ाने से हुई गर्भवती महिला की मौत के मामले में प. बंगाल सरकार ने मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 12 डॉक्टरों को निलंबित कर दिया। आरोप है कि प्रसव के बाद एक्सपायरी सलाइन चढ़ाने से महिला की मौत हो गई और 4 अन्य लोग बीमार पड़ गए। निलंबित डॉक्टरों में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक और उप प्राचार्य (एमएसवीपी), आरएमओ और 6 स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सर्जरी के बाद बीमार पड़ी 5 गर्भवती महिलाओं में से 3 की हालत गंभीर है। तीनों को कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीआईडी को डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
घटना की निंदा करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार मृतक महिला के परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी भी देगी। बनर्जी ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण और भावुक करने वाली घटना है और हमारी सरकार इसका समर्थन नहीं करती है। अगर डॉक्टरों ने अपना कर्तव्य ठीक से निभाया होता तो गर्भवती महिला और नवजात को बचाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन थिएटर के अंदर भी सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए।
बीते दिनों पश्चिम बंगाल के मिदनापुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) में बच्चों को जन्म देने के बाद एक महिला की मौत हो गई थी। मृतक महिला के परिजनों का आरोप है कि उसे गलत फ्लूड दिया गया था, जिसके चलते उसकी मौत हुई। परिजनों ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। वहीं आरोपों के बाद बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और इसके लिए 13 सदस्यों की एक समिति का गठन भी किया ।