ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के पद से दिया इस्तीफा

दस्तक डेस्क: ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अपने इस्तीफे की घोषणा की. ममता कुलकर्णी ने कहा कि आज किन्नर अखाड़े या दोनों अखाड़ों में मुझे लेकर विवाद है उसके चलते इस्तीफा दे रही हूं. मैं 25 साल से साध्वी हूं और आगे भी साध्वी रहूंगी.
उन्होंने कहा, “महामंडलेश्वर का मुझे जो सम्मान दिया गया था वो लोगों के लिए आपत्तिजनक हो गया. मुझे बॉलीवुड को छोड़े 25 साल हो गए हैं. मेकअप और बॉलीवुड को छोड़ना आसान नहीं है. मैंने देखा कि मेरे महामंडलेश्वर बनाए जाने से काफी लोगों को दिक्कत हो गई. मेरे जो गुरु हैं जिनके सानिध्य में मैंने घोर तपस्या की. उनके बराबर तो मुझे कोई दिखता नहीं है. मुझे किसी कैलाश या मनसरोवर जाने की जरूरत नहीं है. जिन लोगों को मुझसे आपत्ति है, उनके बारे में मैं कम बोलूं तो बेहतर होगा. मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि मेरे पैसे के लेने देन की बात है तो मैंने करोड़ो रुपये नहीं दिए हैं. मैं जो कुछ भी करती हूं, उस पर लोग रिएक्ट करते हैं’
ममता कुलकर्णी ने आगे कहा, “महामंडलेश्वर के रूप में मुझे जो सम्मान मिला, वह 25 साल तक तैराकी सीखने और फिर बच्चों को इसे सिखाने जैसा था लेकिन महामंडलेश्वर के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद जो आक्रोश हुआ, वह अनावश्यक था. मैंने 25 साल पहले बॉलीवुड छोड़ दिया और फिर मैं गायब हो गई और हर चीज से दूर हो गई. मैं जो कुछ भी करती हूं, उस पर लोगों की बहुत अधिक प्रतिक्रियाएं होती हैं.”
किन्नर अखाड़े के संस्थापक ने ममता कुलकर्णी को किया था निष्कासित
सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से जारी विवाद के बाद ममता कुलकर्णी ने यह इस्तीफा दिया है. उन्हें कुछ दिनों पहले इस पर से निष्कासित कर दिया गया था. उनके साथ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया था. ये कार्रवाई किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने की थी. हालांकि, इस बात को लेकर भी मतभेद हैं. महामंडलेश्वर पद से हटाए जाने पर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि अजय दास मुझे अखाड़े से निकालने वाले कौन होते हैं, उन्हें तो 2017 में ही अखाड़े से निकाल दिया गया था.