उत्तर प्रदेश

भाजपा गौवंश का पालन पोषण और संरक्षण करने में असमर्थ : अखिलेश यादव

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा चुनावी मुद्दा बनाकर जबसे सत्ता में आई है गौ-वंश के पालन पोषण और उसके संरक्षण के लिए कोई समुचित व्यवस्था करने में पूरी तरह असफल साबित हुई है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने जारी बयान में कहा कि गौ-माता के खुले आम सड़कों पर घूमने से सड़क दुर्घटनाओं के कारण तमाम निर्दोष लोगों की जाने जा रही है और गौ-माता भी कई बार दुर्घटनाओं की शिकार हो जाती हैं। कहा कि भाजपा इनका संरक्षण करने में असमर्थ है।

अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री यदाकदा गोशालाओं में जाकर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेते है। गौवंश के नाम पर भ्रष्टाचार पनप रहा है। सांड़ों की धमाचौकड़ी से प्रदेश के विभिन्न चौक चौराहों पर लोग घायल हो रहे हैं।

रायबरेली के बछरावां में मवेशी से बाइकें टकराई चाचा भतीजे व छात्र की मौत हुई। औरैया में नेशनल हाई-वे पर आवारा पशु से टकराई कार, तीन लोग गंभीर घायल हो गए।

सपा मुखिया ने कहा कि गौ-माता और सांड़ दोनों के पालन पोषण की भाजपा सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर पाई है। बाराबंकी में निर्धारित समय में 47 गौशालाएं बननी थीं, वे नहीं बन सकी। यहां 12 ब्लाकों में 47 की जगह सिर्फ 3 ब्लाकों में 12 गौशालाएं बनी है। सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि कुछ अस्पतालों को ही गौशालाओं में तब्दील कर दिया जा रहा है। कहीं पशु बांधे जा रहे हैं तो कहीं कंडे पाथे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान आवारा पशुओं से बुरी तरह परेशान है। रात-रात भर जागकर खेतों की रखवाली करने को मजबूर है। भाजपा सरकार में किसानों की आय दोगुनी करने के बजाय उल्टा उनकी आय आधी हो गई है। किसान की आय घटने और कृषि लागत बढ़ने से किसान आत्महत्या करने को मजबूर है।

अखिलेश ने दावा किया कि केवल गंज मुरादाबाद में ही करीब 300 छुट्टा पशुओं के सड़कों पर घूमने का समाचार है। बागपत समेत पूरे यूपी की सड़कों, गलियों, मोहल्लों में छुट्टा पशुओं का उत्पात मचा हुआ है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सिर्फ झूठे आश्वासनों और खोखले दावों से प्रदेश के विकास का सपना दिखाते रहते हैं। गौ-रक्षा के नाम पर कुछ अराजक तत्व प्रदेश में कानून व्यवस्था को धता बता रहे हैं। सत्ता का संरक्षण मिलने से वे और ज्यादा अनियंत्रित हो चले हैं। प्रदेश के लिए यह स्थिति अत्यंत गंभीर चिंता का विषय है।

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