मध्य प्रदेशराज्य

आम चुनाव होते ही बजट की तैयारियों में जुटी सरकार, विभागों से मंगाए गए योजनाओं के प्रस्ताव

भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने 2024-25 के बजट अनुमान और तैयारी को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें विभाग ने वेतन-भत्ते, ऋण भुगतान और 15वें वित्त आयोग के लिए बजट अनुदान को प्राथमिकता में रखने को कहा है। प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव के चलते फरवरी में पूर्ण बजट पेश नहीं किया था। सरकार लेखानुदान लेकर आई थी। इसमें तीन महीने का सरकार का योजनाओं और वेतन भत्तों के खर्च का बजट जारी किया गया था। इसमें किसी तरह के नए कर संबंधी नए प्रस्ताव और व्यय के नए मदद शामिल नहीं किए गए थे। जानकारों का कहना है कि सरकार अब लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में अपना पूर्ण बजट लेकर आ सकती है। अब राज्य में चार से पांच साल बाद चुनाव है। ऐसे में सरकार कठोर निर्णय भी ले सकती है। यह समय सरकार के लिए सख्त निर्णय लेने के लिए आदर्श होता है। सरकार जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में बजट पेश कर सकती है।

वित्त विभाग ने विभागों से कहा है कि नई योजनाओं के प्रस्ताव प्रशासकीय स्वीकृति के बाद ही भेजें। इसमें उद्देश्य और लाभ की जानकारी का विवरण भी भेजने को कहा गया है। वहीं, जिन योजनाओं को बंद किया जा रहा है, उसकी जानकारी भी देने को कहा गया है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की उपयोजना के लिए पर्याप्त राशि रखने को कहा गया है। सभी विभागों को मई अंत तक प्रस्ताव भेजने को कहा गया है।

राज्य सरकार फरवरी में पूर्ण बजट लेकर नहीं आई। सरकार लेखानुदान लेकर आई। जानकारों ने बताया कि इसका कारण केंद्र की तरफ से योजनाओं और प्रोग्राम के लिए राज्य को मिलने वाले राज्यांश में देरी कारण रहा। केंद्र सरकार ने भी लोकसभा चुनाव के चलते लेखानुदान लेकर आई। अब वह भी जुलाई में पूर्ण बजट पेश कर सकती है। लेखानुदान में सरकार पूर्ण बजट पेश होने तक राज्य सरकार के खर्चों और योजनाओं के संचालन के लिए राशि को स्वीकृति देती है।

सरकार का 2024-25 का पूर्ण बजट का अनुमान 3.48 लाख करोड़ है। इसमें लेखानुदान के 1.45 लाख करोड़ रुपये भी शामिल होगा। अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व प्राप्तियां 2.52 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें राज्य कराधान से आय 96 हजार करोड़ रुपये है।

लोकसभा चुनाव के कारण सरकार ने पूर्ण बजट प्रस्तुत न करके एक लाख 45 हजार करोड रुपये का लेखानुदान प्रस्तुत किया था। जुलाई 2024 तक के लिए यह व्यवस्था की गई है। इसमें किसी तरह कर संबंधी नए प्रस्ताव तथा व्यय के नए मद सम्मिलित नहीं किए। द्वितीय अनुपूरक बजट में कुछ नई योजनाएं शामिल कर ली गई थीं। अब विभागों ने बजट की तैयारी प्रारंभ की है।

वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा कि आवश्यक व्यय के प्रविधान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किए जाएं। केंद्र सरकार के अनुसार महंगाई भत्ता और राहत के लिए बजट स्थापना व्यय में रखें। इसकी गणना ठीक से कराएं ताकि कोई समस्या न आए। केंद्र सरकार की सभी योजनाओं के लिए राज्यांश पर्याप्त मात्रा में रहे। अधोसंरचना विकास के कार्य मध्य प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में हैं, इसलिए उनके प्रस्ताव समय से भेजें ताकि आवश्यक राशि का प्रविधान किया जा सके।

वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि वे नई योजनाओं के प्रस्ताव प्रशासकीय स्वीकृति के बाद ही भेजें। इसमें उसका औचित्य और क्या लाभ होगा, उसका विवरण अवश्य दें। यदि कोई ऐसी योजना, जो केंद्र सरकार द्वारा भी संचालित की जा रही है तो उसके संविलियन का प्रस्ताव दें। जिन योजनाओं के लक्ष्य पूर्ण हो चुके हैं, उन्हें बंद करने की प्रक्रिया करें। विभागों से कहा गया है कि अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 16 और अनुसूचित जनजाति उप योजना के लिए 23 प्रतिशत के हिसाब से राशि रखी जाए।

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