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प्रेगनेंसी में ली अगर ये मेडिसिन तो हो सकता हैं होने वाला बच्चा नपुंसक

नई दिल्ली। अभी हाल ही में हुए एक शोध में यह दावा किया गया हैं कि गर्भावस्था में पेनकिलर के सेवन से आपका होने वाला बच्चा नपुंसक हो सकता हैं। गर्भावस्था के दौरान इबुप्रोफेन और पैरासिटामॉल जैसी मेडिसिन खाना बेहद ही नुकसानदायक हो सकता हैं। इन दवाओं के इस्तेमाल से गर्भवती महिला की प्रजनन क्षमता तो कमजोर होती है इसके अलावा अजन्मे बच्चे की फर्टिलिटी पर भी बहुत असर पड़ता है।

अध्ययनकर्ता ने कहा कि गर्भवती होने के दौरान पेनकिलर के इस्तेमाल से बेबी विकलांग हो सकता हैं। जो महिलाये इस दौरान पेनकिलर का सेवन करती हैं उन महिलाओं में जल्द मेनोपॉज का खतरा भी रहता है। दर्द की दवाएं अंडाशय में अंडों का उत्पादन तेजी से करने लगती हैं। जब अंडाशय खाली हो जाता है तो मेनोपॉज का खतरा बढ़ जाता है।

शोध के अनुसार हर तीन में एक महिला खाती हैं पेनकिलर- ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने इस पर शोध किया जिस के बाद उन्होंने कहा कि इन दवाओं के सेवन से गर्भवती महिलाओं को बचना चाहिए। हां अगर दर्द बर्दास्त से बाहर हैं तो इस स्थिति में पैरासिटामॉल ली जा सकती है लेकिन उसके अधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए। अमेरिका में एक अनुमान के मुताबिक गर्भावस्था में तीन में एक महिला दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल करती है।

डीएनए पर होता है असर- अध्ययन में यह भी बताया कि हद से ज्यादा उपयोग की गई पेनकिलर से डीएनए पर मार्क आ जाते हैं। जिन अंडाशय को एक हफ्ते तक पैरासिटामॉल के संपर्क में रखा गया उनका एग प्रोडक्शन 40 फीसदी तक घट गया था। वहीं इबुप्रोफेन के संपर्क में रखने पर यह संख्या आधी हो गई थी। अध्ययन में पाया गया कि दवा के इस्तेमाल से भ्रूण के वीर्य और अंडे बनाने वाली कोशिकाओं की संख्या घट गई।

सर्दी-खांसी में न करे उपयोग- डॉक्टरों का कहना है कि लोगों में पेनकिलर का इस्तेमाल इस कदर बढ़ गया हैं कि वे मामूली से कोल्ड में भी इन दवाओं का सेवन करने लगे हैं। पेनकिलर में एसिटामिनोफेन होता है। अमेरिका में एक अध्ययन में बताया गया कि वहां लोग एसिटामिनोफेन की हाई डोज ले रहे हैं। मामूली सर्दी-खांसी तक में पेनकिलर धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रही है। बुखार में एसिटामिनोफेन का इस्तेमाल करने वाले यह समझते हैं कि इससे फीवर खत्म हो जाएगा तो यह गलत है।

लिवर-किडनी पर पड़ता है असर- चिकित्सकों का कहना है कि ज्यादा पेनकिलर खाने से लिवर व किडनी पर असर पड़ता है। जो लोग लंबे समय तक पेनकिलर का हाईडोज लेते हैं उनका लिवर कमजोर हो जाता है। 2006 से 2015 के बीच यूरोपीय देशों में फ्रांस सबसे ज्यादा पेनकिलर के इस्तेमाल वाला देश था। यहां सबसे ज्यादा लोगों ने पेनकिलर का सेवन किया। चिकित्सक जरूरत पड़ने पर सप्ताह में 4000 मिलीग्राम तक पेनकिलर के सेवन की सिफारिश करते हैं।

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