रेलवे की सौगात, अब घर से पार्सल लेने-देने की सुविधा शुरू
भोपाल: लोगों के लिए रेलवे से पार्सल भेजना अब और आसान हो गया है। रेलवे ने डाक विभाग के साथ मिलकर ‘ज्वाइंट पार्सल प्रोडक्ट’ (जेपीपी) योजना शुरू की है। इस योजना के कारण व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं को घर से पार्सल लेने और बताए गए पते पर भेजने की सुविधा दी जा रही है। यह सुविधा ऐसे लोगों के लिए लागू की जा रही है, जो व्यस्तता के चलते रेलवे स्टेशन पर पार्सल देने के लिए नहीं जा सकते हैं। भोपाल रेल मंडल में दो जनवरी को शुरू हुई इस सुविधा में उद्यमिता विभाग की पुस्तकों को उनके गोदाम से एकत्रित किया गया।
भोपाल रेल मंडल के अनुसार उद्यमिता विभाग की 318 किग्रा पुस्तकें उनके गोदाम 16-ए, अरेरा हिल्स, भोपाल से सोमवार को एकत्रित की गईं और उन्हें भोपाल से दमोह के लिए ट्रेन 22161 भोपाल-दमोह राज्यरानी एक्सप्रेस से भेजा गया। इन पुस्तकों की डिलीवरी पोस्टल विभाग के द्वारा पुरानी जिला पंचायत बिल्डिंग, बस स्टैंड के पास दमोह में दी जाएगी। रेलवे के अनुसार लगातार मालभाड़े से कमाई में नए कीर्तिमान बना रहा रेल प्रशासन इसमें और संभावनाओं को तलाश रहा है। इससे लोगों का कीमती समय भी बचेगा और रेलवे राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। मोबाइल के जमाने में अपने काम के लिए संघर्ष कर रहे डाकियों को काम भी मिलेगा।
इस तरह किया गया है काम का बंटवारा
जेपीपी योजना में डाक विभाग ‘फर्स्ट तथा लास्ट माइल’ का काम करेगा। फर्स्ट माइल (प्रथम मील) में डाक विभाग संबंधित जगह से पार्सल इकट्ठा करेगा। मिडिल माइल (बीच के मील) के तहत डाक विभाग रेलवे स्टेशन तक पार्सल लाएगा। यहां से रेलवे संबंधित प्रदेश या जिले तक पार्सल को पहुंचाने का काम करेगा। अंत में लास्ट माइल (अंतिम मील) में डाक विभाग रेलवे स्टेशन से व्यापारी के गोदाम या उपभोक्ता के घर तक पार्सल पहुंचाने का काम करेगा।
भोपाल रेल मंडल ने दिसंबर में मालभाड़े से कमाए 115 करोड़ रुपये
भोपाल रेल मंडल ने दिसंबर 2022 में 0.995 मिलियन टन मालका लदान कर 115.09 करोड़ रुपये का शुद्ध रेल राजस्व मालभाड़े के रूप में कमाया है। इस दौरान रेल मंडल ने हर दिन औसतन 546 वैगन में मालभाड़ा भरकर गंतव्य तक रवाना किया। पिछला सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा दिसंबर 2021 में 0.924 मिलियन टन माल लदान का था। इस दौरान रेलवे को 113.77 करोड़ रुपये का का रेल राजस्व प्राप्त हुआ था। रेलवे का दावा है कि नई योजना से रेलवे को मालभाड़े से प्राप्त होने वाले राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी।