उत्तर प्रदेशराज्य

उत्तर प्रदेश को अगले 4 साल में मिलेगा नया विधानभवन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश का विधानसभा सत्र शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस बीच सदन में अंतिम दिन सरकार ने दो बड़ी घोषणाएं की हैं। सरकार ने पहला ऐलान यह किया है कि यूपी में 2027 से पहले नए विधानभवन की इमारत खड़ी हो जाएगी। यानी अगले चार साल में यूपी में नई विधानसभा एवं विधान परिषद मिल जाएगी। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि अब वह झांसी-बुंदेलेखंड के लिए एक प्राधिकरण का निर्माण करेगी जिसे झांसी-बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के रूप में जाना जाएगा।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने विधानसभा में यह घोषणा की। खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में राज्य विधान सभा और विधान परिषद के लिए एक नया विधान भवन (विधायिका भवन) होगा। उन्होंने इसकी घोषणा उस समय की जिस दिन राज्य विधानमंडल का बजट सत्र समाप्त हो गया और दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) को 2023-24 के लिए राज्य के बजट के पारित होने के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्य सरकार ने पहले सदन को 10 मार्च तक चलाने का प्रस्ताव दिया था।

खन्ना ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में नये भवन के लिये राशि आवंटित की गयी है। स्पीकर सतीश महाना ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जब खन्ना ने एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें सुझाव दिया गया था कि शेष एजेंडे को मंजूरी देने के लिए नियमों में ढील दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नए विधानमंडल भवन की व्यवस्था की है जो 18वीं राज्य विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले पूरा हो सकता है। सदन ने उत्तर प्रदेश विनियोग विधेयक-2023 भी पारित किया।

सदन स्थगित होने के बाद सदस्य समूह फोटो के लिए विधान भवन के बाहर एकत्र हुए। विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि बजट सत्र के दौरान सदन की 11 बैठकें हुईं और 83 घंटे 38 मिनट तक कामकाज चला। सत्र के दौरान सदन केवल 36 मिनट के लिए स्थगित रहा। समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को कांस्टीट्यूशन क्लब, नई दिल्ली की तर्ज पर सांसदों के लिए एक क्लब भी स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्लब में व्यायामशाला और स्विमिंग पूल सहित आधुनिक सुविधाएं होनी चाहिए।

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