नौकरीपेशा वाले लोगों को मोदी सरकार का करारा झटका…
इससे पहले संगठन ने 2016-17 के लिए 8.65 फीसदी ब्याज दर की घोषणा की थी, जबकि 2015-16 में यह 8.8 फीसदी थी। माना जा रहा था कि ब्याज दर 8.65 फीसदी ही तय रहेगी ऐसा इसलिए क्योंकि ईपीएफओ ने इस वित्त वर्ष के लिए मौजूदा ब्याज दर को बरकरार रखने के लिए इस महीने की शुरुआत में 2886 करोड़ की कीमत के ईटीएफ को बेचा था।
बता दें कि ईपीएफओ के अभी करीब 5 करोड़ सदस्य हैं।
ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की गुरुवार को बैठक में फैसला लिया गया है कि अब से अंशधारकों के हर महीने जमा होने वाली रकम का कुछ हिस्सा स्टॉक मार्केट में निवेश किया जाएगा। बाकी रकम रकम कैश के तौर पर पीएफ खाते में दिखेगी। इसी वजह से पीएफ में ब्याज दर को कम किया जाएगा।
रिटायरमेंट, खाता बंद करने पर मिलेगा पैसा
ईपीएफओ ने अब तक ईटीएफ में 32300 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस बैठक में ईटीएफ यूनिट को रिडीम करने का फॉर्मूला भी तय हुआ है जिसके मुताबिक रिटायरमेंट या पीएफ खाता बंद करने पर ईटीएफ यूनिट रिडीम हो सकेगी। इसके अलावा क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया तेज़ करने की भी कवायद जारी है और आगे सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम को मंज़ूरी मिल सकती है। अब एनपीसीआई के जरिए पेमेंट होगा।