के.एन. गोविन्दाचार्य पंचायतों मे जमीन, जल, जंगल, जानवर, कृषि, गोपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य न्याय को क्रियाशील करना होगा। पंचायतों को सशक्त,…
Read More »साहित्य
डॉ. योगी रवि नई दिल्ली: आधुनिक जीवन शैली में दौड़ता इंसान प्रकृति के संतुलित प्रवाह से कहीं आगे निकल चुका…
Read More »सर्वेश कुमार मौर्य आज हम जिस दौर में हैं, वह चुनौतियों से भरा दौर है। कोरोना वायरस ने हमारे समय,…
Read More »के. विक्रम राव स्तम्भ: जरूरत है अब कि अकादमिक क्षेत्र के साथ स्कूली स्तर पर सुधार के कदम उठाये जाएँ।…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-4 सन् 89 के चुनाव मे कांग्रेस हारी। बोफोर्स का मुद्दा वैसा ही बना रहा। दुर्भाग्य से 1991…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग -2 सन् 80 मे श्रीमती इंदिरा गांधी के सत्तासीन होने और श्री संजय गांधी की असामयिक मृत्यु…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग -1 स्तम्भ: भारत में और दुनिया में भी इस कालखंड में बाहुबल, सैन्यबल, हथियारवाद का प्रभाव बढ़ा।…
Read More »उमेश यादव: स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज, लखनऊ (संबद्ध: अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय) के लिए अत्यन्त गर्व और खुशी की बात…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग -1 भारत की राजनीति को एक और ढंग से कालखंडों में बाँटकर देखा जा सकता है। उसका…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य 30-30 वर्षों के 3 चरणों में देखी जा सकती राजनैतिक यात्रा है1950-1980, 1980-2010, 2010-2020 और आगे 2040 तक…
Read More »प्रशांत कुमार पुरुषोत्तम पटना: जिस युग में हम जी रहें हैं,वह युग सूचनाओं का है। हर क्षण हम सभी सूचनाओं…
Read More »भारतीय एवं विश्व इतिहास में 06 जुलाई की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं: 1483 – रिचर्ड तृतीय इंग्लैंड के राजा…
Read More »उमेश यादव हमें दुनिया से रूबरू कराने वाली हमारी मात्र भाषा हिंदी है। जन्म के बाद गोद में बच्चा पहला…
Read More »कानपुर, 26 जून दस्तक (ब्यूरो) : कोविड-19 महामारी और गाइडलाइन को देखते हुए सुन्नी उलमा काउंसिल कानपुर की मस्जिदों में…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-2 उसी प्रकार की बात विदेश व्यापार के नियमों के बारे मे भी अनुभव मे आती है। शोषण…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-1 द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और संयुक्त राष्ट्र संघ आदि वैश्विक संगठनों के बाद ही सरकारवाद, जिसे…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-3 2005 के बाद पूरी दुनिया में “विकास” के बारे में बहस भी शुरू हो गई। 2008 के…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-2 भारत पहले रूस, फिर थोड़े समय चीन और 1990 से अमेरिका बनने की कोशिश मे लगा। पर…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-1 जैसा कई बार कहा जा चुका है कि समाज मे पिछले 500 वर्षों मे जो बदलाव आया…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-6 सन् 60 से 75 तक तो दुनिया मे अमीर देश उपनिवेशवाद का पुराना चोला उतारकर नया जामा…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-5 सन् 50 तक तो अंग्रेजों को दोष दिया जाना शायद कुछ जायज होता। उसमे भी इस प्रश्न…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-4 1500–1900 के कालखंड उपनिवेशवाद, नरसंहार, स्थानिक आबादी का उत्पीड़न, प्रवासी यूरोपीय जन का आधिपत्य आदि का ही…
Read More »पूनम चंद्रवंशी कुर्बान कुछ मेरे सपनों की पहचान थीकुछ मां के सपनों का था मान ना समझा ना जाना जो…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग-6 2005-2020, विश्व पटल पर विश्व व्यापार संगठन निस्तेज होने लगा। Trade War के आसार नजर आने लगे।…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग 5 स्तम्भ: 1945 मे द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हुआ। भारी जनहानि हुई थी। मारक अस्त्रों मे एटम…
Read More »भाग 3 के.एन. गोविन्दाचार्य स्तम्भ: अंग्रेजों ने 1750 से 1945 तक भारत की समाजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था, राज्यव्यवस्था और सांस्कृतिक, धार्मिक व्यवस्था…
Read More »के.एन. गोविन्दाचार्य भाग 2 इसी सिलसिले में 1780 से 1802 तक चले Land Resettlement Act और 1860-1890 में जनगणना मे…
Read More »भाग 1 के.एन. गोविन्दाचार्य उपनिवेशवाद परिणामतः साम्राज्यवाद की कहानी पिछले लगभग 500 वर्षों की है। 1490 से 1500 के बीच…
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