उत्तराखंड

डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने मानसून काल को लेकर की जाने वाली तैयारियों को लेकर ली महत्वपूर्ण बैठक, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश

उत्तरकाशी : जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने आगामी मानसून काल को देखते हुए जिले में तैनात राज्य व केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों व संगठनों को पूरी तैयारी रखने की अपेक्षा करते हुए कहा कि अतिवृष्टि और भूस्खलन की दशा में अवरूद्ध होने वाली सड़कों को तुरंत खोले जाने के लिए सभी प्रबंध अभी से सुनिश्चित किए जांय। जिलाधिकारी ने संवेदनशील स्थानों पर मशीनों एवं मानव संसाधन की निरंतर तैनाती रखने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में सभी संगठनों का रिस्पॉंस टाईम न्यूनतम हो।
जिलाधिकारी ने मानसून की पूर्व तैयारी को लेकर जिला मुख्यालय में एक बैठक आयोजित करते हुए कहा कि अतिवृष्टि और भूस्खलन की दृष्टि से यह क्षेत्र काफी संवदेनशील रहा है और विगत में यहां आपदा के अनेक घटनाएं हो चुकी है। मानसून के दौरान सड़कों के अवरूद्ध होने की परिस्थितियां भी लगातार पैदा होती रही हैं। जिसे देखते हुए सभी विभागों व संगठनों को निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार अभी से अपनी पूरी तैयारी सुनिश्चित करनी होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि यात्राकाल के दौरान जिले में हजारों यात्री आवागमन करते हैं। अतिवृष्टि, भूस्खलन व सड़कों के बंद होने का तीर्थयात्रियों पर भी व्यापक असर पड़ता है। लिहाजा उनकी सुविधा, सुरक्षा और सुगमता का भी प्राथमिकता से ध्यान रखते हुए किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में संबंधित विभाग व संगठन तुरंत कार्रवाई करने के लिए यात्रा मार्गों पर जगह-जगह पर व्यवस्थाएं करें।

जिलाधिकारी ने आपदा एवं दुर्घटनाओं के प्रति संवदेनशील चिन्हित क्षेत्रों के लिए की जाने वाली पूर्व तैयारी को तुरंत पूरा करने के साथ ही सीमा सड़क संगठन और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड तथा लोक निर्माण विभाग को यात्रा मार्गों के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों को सुचारू बनाए रखने के लिए मशीनों व कार्मिकों की समय से व पर्याप्त मात्रा में तैनाती करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि आकस्मिकता से निपटने के लिए स्टॉक में अतिरिक्त वैलीब्रिज भी किसी उपयुक्त स्थान अवश्य रखा जाय। लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई शाखा मार्गों व ग्रामीण सड़कों के भूस्खलन से अवरूद्ध होने की दशा में तुरंत खोले जाने हेतु पहले से इंतजाम कर लें। जिलाधिकारी ने आपात स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ,एसडीआरएफ, क्यूआरटी, पुलिस आदि संगठनों को हमेशा अलर्ट पर रहकर त्वरित कार्रवाई करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि जिले के ट्रैकिंग मार्गों को भी मानसून की कार्ययोजना के दायरे में रखा जाएगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि मानसून प्लान के तहत सड़कों को खोलने के लिए 51 जेसीबी व डोजर सहित सौ से भी अधिक हैवी मशीनों की तैनाती की योजना तैयार की गई है। इन मशीनों के लिए आवश्यक उपकरणों व ईंधन का पर्याप्त स्टॉक इनके तैनाती स्थल के निकट ही रखा जाय। जिलाधिकारी ने आपूर्ति विभाग को मानसून को देखते हुए दूरस्थ खाद्यान्न गोदामों में पहले से ही तीन माह का स्टॉक पहॅॅुंचाए जाने के साथ ही धामों के निकट के गोदामों में रसोई गैस का भी कुछ स्टॉक रखे जाने के निर्देश देने के साथ ही राजस्व एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आश्रय स्थलों का चिन्हीकरण कर आकस्मिकता की स्थिति में इनमें रहने-खाने की सभी व्यवस्थाएं मुहैया कराए जाने की हिदायत भी दी है।

जिलाधिकारी ने गंगोत्री एवं यमुनोत्री मार्ग पर ऊपरी क्षेत्रों के लिए पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसी की स्थानीय स्तर पर व्यवस्था किए जाने के लिए भी कार्रवाई करने को कहा।
बैठक में आवागमन के लिए प्रयुक्त की जाने वाली ट्रॉलियों का समुचित रखरखाव किए जाने, जल भराव की समस्या का निस्तारण करने के लिए संबंधित विभागों से तत्परता से कार्रवाई करने,संचार व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने आदि के संबंध में भी निर्देश दिए गए। बैठक में अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास, उप जिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी, नवाजिश खलीक, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बी.एस.रावत, मुख्य उद्यान अधिकारी डीके तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, डीडीएमए के अभियंता शार्दूल गुसांई सहित सीमा सड़क संगठन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

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